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ऑटोमन ख़िलाफ़त

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उस्मानी ख़िलाफ़त: (1517-1924), तुर्क साम्राज्य के तुर्क राजवंश के अधीन, मध्यकालीन और शुरुआती आधुनिक युग के आखिरी सुन्नी इस्लामिक ख़िलाफ़त साम्राज्य था। तुर्क लोगों को उस्मानी कहा गया और उनके आने वाले साम्राज्य का नाम 'उस्मानी साम्राज्य[1] रखा गया। यूरोप की भाषाओं में यही उस्मानी शब्द बदलकर ऑटोमन हो गया।[2] सोलहवीं सदी के आरंभ में कुस्तुनतुनिया के तुर्की उस्मानी सुलतान ने मिस्र पर भी कब्जा कर लिया था।[3]उन्होंने काहिरा के खलीफा से अपने लिए ख़िलाफ़त का पद ले लिया। उस समय से तुर्की के सुल्तान ही खलीफा भी कहलाने लगे और उनकी खिलाफत 'उस्मानी खिलाफत' के नाम से जानी गई।[4] तुर्क विकास की अवधि के दौरान, तुर्क शासक मुराद ने खिलाफत अधिकार का दावा किया।.[5] बाद में सलीम प्रथम, मुस्लिम भूमि पर विजय और एकीकरण के माध्यम से, मक्का और मदीना इस्लामी पवित्र शहरों का बचावकर्ता बन गए, जिन्होंने मुस्लिम दुनिया में खिलाफत करने के लिए तुर्क दाबे को और मजबूत किया।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. National Academy. Naya Samrajya Vaad By Setan Watson 1964 Delhi National Academy.
  2. Mahaveer Prasad Dwivedi (1988). Sankalan.
  3. Neharuu Javaaharalaal (1938). Vishv Itihaas Kii Jhalak Duusaraa Khn’d’a.
  4. Bhandari, Shri Chandraraj (1960). Vishv Itihas Kosh Khand-v.
  5. Lambton, Ann; Lewis, Bernard (1995). The Cambridge History of Islam: The Indian sub-continent, South-East Asia, Africa and the Muslim west. Vol. 2. Cambridge University Press. p. 320. ISBN 9780521223102. 2 अप्रैल 2015 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 13 March 2015.

बाहरी कड़ियाँ

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उस्मानी शासन,अध्याय ३, पुस्तक "आधुनिक टर्की", नवल किशोर प्रेस हिन्दी में

राशिद शाज़ की तुर्की के सफ़र पर पुस्तक 'लस्तम पोख़' हिन्दी में

अबुल कलाम आज़ाद की पुस्तक ''खिलाफ़ते उस्मानिया' उर्दू में