ऐसन दौलत बेगम

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ऐसन दौलत बेगम
बाबर ने ऐसन दौलत बेगम की सलाह मांगी
मुगलिस्तान की रानी
कार्यकालल. 1456 – 1487
निधन1519
जीवनसंगीयूनुस खान
संतान
पूरा नाम
ऐसन दौलत
घरानाबोरजिगिन शादी के बाद
पिताशेर अली हाजी कुंजी बेग
धर्मइस्लाम

ऐसन दौलत बेगम (मृत्यु जून, 1505, अन्य वर्तनी एहसान दौलत, एसान दौलत, इसान दवलत [1]) मुगलिस्तान की रानी और यूनुस खान की प्रथम पत्नी थीं, जो चंगेज़ ख़ान के दुसरे पुत्र चगताई खान के वंशज थे। वह कुतुलुग निगार खानम की मां थीं, और इसलिए वह पहले मुगल सम्राट बाबर की दादी थीं।

परिवार और वंश[संपादित करें]

ऐसन दौलत बेगम, कुंची मुगलों के एक उपखंड, सघरीचि तुमन बेगों की बेटी थीं।[2] उनके पिता मीर शेर अली हाजी कुन्जी (कुंचिन) बेग एक शक्तिशाली आदिवासी मुखिया थे।[3][4][5] उनके कई भाई थे, जिनमें से तीन, शिराम बेग, माजिद बेग और अली दोस्त बेग ने बाबर के देखभाल में प्रमुख भूमिकाएँ निभाईं। [6]

शादी[संपादित करें]

1456 में अबू सईद मिर्जा, जो ट्रान्सोक्सियाना का शासक बन गया था, ने यूनुस खान को मुगलिस्तान भेजा। अबू सईद बार-बार अपने क्षेत्र में छापेमारी से नाराज हो गया था जो कि मुगलों कि ओर से एसेन बुका द्वारा किया जाता था। उसने यूनुस को खान उपाधि दे कर अपने भाई का विरोध करने के लिए उसे एक सेना के साथ मुगलिस्तान भेज दिया। यूनुस खान ने जल्दी ही कई अमीरों का समर्थन हासिल कर लिया। ऐसन दौलत बेगम शादी से पहले अपने युवा दिनों से ही समकालीन राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिस कारण यूनुस खान ने ऐसन दौलत बेगम से शादी कर ली। बाबरनामा का कहना है कि ऐसन दौलत बेगम से शादी करके यूनुस खान, ऐसन दौलत एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे थे। तुरेह या मुगलों की प्राचीन संस्थाओं के अनुसार, उन्हें मुगलिस्तान पर हमला करने वाले सघरीचि तुमन बेग ने आदेश दिया था और खान पदवी के लिए उठाया था। [3]

रेगिस्तान में जन्मी और कठोरता के लिए अभ्यस्त, ऐसन दौलत बेगम अपने पोते बाबर में एक कठिन रवैया रखने वाली थी, निश्चित रूप से तप, आत्मनिर्भरता, कठिनाइयों का सामना करने का साहस जो बाबर के चरित्र और बाद में उसकी सफलता की कुंजी जो एक साथ अभिन्न विशेषता बन गई । ऐसन दौलत बेगम ने तीस साल तक अपने पति के साथ कई कठिनाइयों को साझा किया। कई बार वह दुश्मन के हाथों में पड़ गई, लेकिन हमेशा उनके चंगुल से सुरक्षित वापस आ गई।[7] ऐसन दौलत बेगम से, यूनुस खान की तीन बेटियाँ थीं: मिहर निगार खानम, कुतलुग निगार खानम, और ख़ूब निगार खानम। [8] उनकी सबसे बड़ी बेटी मिहर निगार खानम, जिसे सुल्तान अबू सैयद मिर्जा ने अपने सबसे बड़े बेटे सुल्तान अहमद मिर्जा के लिए लिया था। मिर्जा से उनको कोई संतान नहीं थी। उनकी दूसरी बेटी कुतलुग निगार खानम का विवाह फरगना घाटी के राजा उमर शेख मिर्जा द्वितीय से हुआ था। वह भारत के मुगल साम्राज्य के संस्थापक और साथ ही इसके पहले सम्राट सम्राट बाबर की मां थीं। उनकी तीसरी बेटी ख़ूब निगार खानम थी, जिनकी शादी मुहम्मद हुसैन कोरकन डोगलेट से हुई थी। उनके एक पुत्र और एक पुत्री थी।[3] काशघर में, 1455-56 में, जब उनकी बेटी मिहर निगार खानम उनकी गोद में थी, तो ऐसन दौलत बेगम को पकड़ लिया गया था, लेकिन उन्हे उनके पति को पास सुरक्षित वापस कर दिया गया था। 1472-73 में ताशकंद में, जब यूनुस खान मुगलिस्तान में अभाव के समय जौ खरीदने गया था, तो ऐसन दौलत बेगम को फिर से पकड़ लिया गया, लेकिन वह अपने पति के पास सम्मान के साथ लौट आई। ऐसन दौलत बेगम ने अपने पति के लगभग तीस वर्षों के उल्लेखनीय समय के उलटफेर को साझा किया। 1487 में चौहत्तर वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु तक दो साल की लकवाग्रस्त असहायता के माध्यम से उनका पालन पोषण किया, और उसके बाद लगभग अठारह वर्ष तक जीवित रहे।[9]

बाद के वर्षों और मृत्यु[संपादित करें]

ऐसन दौलत बेगम ने अपने पोते को मार्गदर्शन और समर्थन करती रही। उन्होंने उसे तैमूर और चंगेज खान के सैन्य कारनामों की कहानियाँ सुनाई थीं, और उन्हें युद्ध की कला में उसके प्रारंभिक पाठ के रूप में ज्ञान देती थीं। अपनी दादी ऐसन दौलत बेगम के बारे में, बाबर ने अपने शब्दों में कहा: "निर्णय और परामर्श के लिए महिलाओं में से कुछ ही मेरी दादी के बराबर रही होंगी; वह बहुत बुद्धिमान और दूरदर्शी थी और मेरे अधिकांश मामलों को उसकी सलाह के तहत चलाया जाता था।" [10] काबुल में बाबर के मां के मृत्यु के चालीस दिनों के शोक के दौरान उसकी मृत्यु की खबर जून, 1505 के शुरू में पहुँची। [9]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Begum 1902, पृ॰ 243.
  2. Mukherjee 2001, पृ॰ 114.
  3. Babur, Leyden & Erskine 1826, पृ॰ 12.
  4. University of Allahabad 1974, पृ॰ 171.
  5. Lal 1977, पृ॰ 7.
  6. Begum 1902, पृ॰ 243-4.
  7. Mukherjee 2001, पृ॰ 114-5.
  8. Babur 2006, पृ॰ 12-13.
  9. Begum 1902, पृ॰ 244.
  10. Mukherjee 2001, पृ॰ 116.