उम्मत
उम्मत या उम्माह (أمة) एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है "समुदाय" या "राष्ट्र"। इसका उपयोग आमतौर पर राज्यों के संग्रहित राष्ट्रों, या (वृह्द-अरबत्व के परिपेक्ष में) पूरे अरब जगत के लिए किया जाता है। इस्लाम के परिपेक्ष में, उम्मा का अर्थ "विश्वासियों के समुदाय" (उम्मत अल-मु'मिनिन) से है, अर्थात् पूरा इस्लामी जगत।
उद्गम
[संपादित करें]क़ुरआन में उम्मा वाहिदा का वाक्यांश पूरे संयुक्त इस्लामी जगत को संदर्भित करता है। कुरान कहती है “तुम [मुसलमान] मानव जाति के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य हो जो अच्छे का आदेश देता है और बुरे को प्रतिबन्धित करता है।...” [३:११०]
वहीं दूसरी ओर, अरबी में उम्मा का उपयोग राष्ट्र की पाश्चात्य परिभाषा के लिए भी किया जाता है जैसे, अल-उमाम अल-मुत्ताहिदा, अर्थात् संयुक्त राष्ट्र।
कहा जाता है कि मदीना के संविधान के एक आरम्भिक दस्तावेज़ पर मुहम्मद साहब द्वारा ६२२ ईस्वी में मदीना की अग्रणी वंशावलियों से वार्तालाप किया गया था, जो स्पष्ट रूप से मदीना के यहूदी और प्रतिमापूजक नागरिकों को "उम्मा" के सदस्यों के रूप में संदर्भित करता है।
इस्लामी सम्मेलन संगठन मुस्लिम उम्मा का प्रतिनिधित्व करने वाला मुख्य संगठन है।
आधुनिक इब्रानी (אוּמָה) में उम्मा का अर्थ "राष्ट्र" है।