उदमी राम

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उदमी राम सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर के महान क्रांतिकारी, देशभक्त तथा बलिदानी थे।

इनका जन्म लिबासपुर गाँव में हुआ था जो सम्प्रति हरियाणा के सोनीपत जिले में है। उदमी राम 1857 में अपने गाँव के नम्बरदार थे और देशभक्ति रग-रग में भरी हुई थी। उनको उसकी पत्नी सहित अंग्रेजों ने पीपल के पेड़ पर कीलों से ठोंक दिया था और 35 दिन तक भयंकर यातनाएं दी गईं और पानी मांगने पर पेशाब पिलाया गया। उनके सहयोगी मित्रों को बहालगढ़ चैंक पर सरेआम सड़क पर लिटाकर पत्थर के कोल्हू के नीचे बुरी तरह रौंद दिया था। उनके पिता को ही नहीं, पूरे गाँव को भयंकर सजा मिली और आज भी उस सजा को याद करके पूरा गाँव सिहर उठता है।

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