ई-शासन
सरकारी सेवाएँ प्रदान करने के लिए सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करना इलेक्ट्रॉनिक शासन (Electronic governance या e-governance) कहलाता है। This tha e governance
ई-शासन के लाभ
[संपादित करें]- ई-शासन से कम समय में काम हो जाता है क्योंकि उसमें कार्य मशीन (कम्प्यूटर) द्वारा होता है। इसके अलावा काम कहीं से, कभी भी कराया जा सकता है।
- ई-शासन से कार्य या सेवा की दक्षता बढ़ जाती है।
- ई-शासन से सेवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। उदाहरण के लिए सबसिडी का सीधे हितग्राही के बैंक खाते में जाने से यह सुनिश्चित होता है कि किसको लाभ मिल रहा है।
- ई-शासन से [[भ्रष्टाचार] कम होता है, खुलापन आता है, सरकार में विश्वास बढ़ता है। बिचौलिये या दलाल बीच में नहीं आते।
- ई-शासन से सुधार (रिफॉर्म) को बढ़ावा मिलता है।
- ई-शासन से पारदर्शिता बढ़ जाती है। सारी सूचना सामने होती है। उदाहरण के लिए टिकट बुक करने वाला लिपिक बर्थ उपलब्ध रहते यह नहीं कह सकता कि बर्थ उपलब्ध नहीं है। स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश हो तो सभी विद्यार्थियों को हर समय पता रहता है कि उन्हें किस जगह प्रवेश मिल सकता है।
- ई-शासन से कार्य के लागत में कमी आती है। सरकारों का अधिकांश खर्च कागजों (स्टेशनरी) पर होता था। इसके अलावा सामान्य जनता को अपने घर से किसी सरकारी कार्यालय में आने-जाने में बहुत सा समय और पैसा खर्चना पड़ता था।
- ई-शासन में सारे आंकड़े सदा उपलब्ध होते हैं। अतः कभी भी उन आंकड़ों का विश्लेषण किया जा सकता है और उसके आधार पर सही निर्णय लिया जा सकता है और सही नीतियाँ बनायी जा सकतीं हैं।
- ई-शासन से नए व्यवसाय और नए अवसरों का सृजन होता है।
- ई-शासन के द्वारा एक सर्वनिष्ट (कॉमन) डेटाबेस बन जाता है जिसका उपयोग विविध उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
- सरकारी कर्मचारियों ने कुल कितना काम किया, इसका पता सीधे चल जाता है। इससे कर्मचारियों को कार्य-वितरण अधिक अच्छे ढंग से किया जा सकता है ताकि कोई कर्मचारी बहुत कम काम न करे और कोई बहुत अधिक काम न करे।
भारत में ई-शासन
[संपादित करें]भारत में ई-शासन सुशासन (अच्छे शासन) का पर्याय बनता जा रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न विभाग नागरिकों, व्यापारियों और सरकारी संगठनों को ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग को सूचना और प्रौद्योगिकी की सहायता से विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। भारत में ई-शासन का प्रादुर्भाव सरकारी विभागों के तेजी से कंप्यूटरीकरण से शुरू हुआ। अब यह उस बिन्दु तक पहुंच चुका है जिससे शासन के सूक्ष्मतर बिंदुओं जैसे नागरिक केंद्रता, सेवा अभिमुखीकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा मिल रहा है। ध्यातव्य है कि किसी भी सरकार अथवा शासकीय व्यवस्था की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि वह अपने कार्यों में पारदर्शिता, आम जन के लिहाज से सुगमता और जनता से संवाद स्थापित करने की दिशा में किस ढंग से प्रयास कर रही है।
इसी क्रम में 2006 में शुरू की राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी) के तहत पूरे देश में साझा सेवा केंद्र (सीएससी) स्थापित किए गये हैं। ये साझा सेवा केंद्र आम आदमी को सीधे तौर पर उनके घर के द्वार तक सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। देशभर में 1 लाख से अधिक (सीएससी वेबसाइट) साझा सेवा केंद्र अलग-अलग ब्रांड नाम अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
ई- गवर्नेंस एक ऐसा सिस्टम है जिससे सरकारी काम-काज में पारदर्शिता के साथ-साथ सभी सेवायें जनसामान्य तक तत्काल पहुॅचाया जा रही हैं। बहुत से लोगों को ऑफिसाें के चक्कर लगाने से डर लगता था, वे भी अब बड़े आराम से इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। साथ ही जनहित गारंटी अधिनियम ने ई-शासन में तेजी ला दी है। दफ्तरों में कर्मचारियों को समय-सीमा में बांध दिया गया है, जनहित के कामों के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है, जिससे सरकारी काम-काज में लेटलतीफी और रिश्वतखोरी पर लगाम भी लगेगी।
आज आयकर भरना, बिजली, पानी, फोन, बीमा आदि के लिए भुगतान करना, नौकरी के लिये फॉर्म भरना, आनलाइन परीक्षा देना, रिजल्ट देखना, आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र बनवाना जैसे काम इंटरनेट के द्वारा बडी ही सरलता से कर सकते हैं। यहाँ तक कि अब सभी सरकारी न्यायालयों को भी ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे मुकदमों की तारीख के लिये भी कोर्ट नहीं जाना होगा।जल्द ही संपत्ति की रजिस्ट्री और मकान के नक्शा पास कराने के काम भी घर बैठे ही होने लगेंगे।
नीचे कुछ सेवाओं की सूची दी गयी है जो अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं[1], अर्थात् जिनके लिए किसी कार्यालय में नहीं जाना पड़ता बल्कि अपने घर या कहीं से भी इन्टरनेट से जुड़कर काम को आगे बढ़ाया जा सकता है-
- ऑनलाइन नागरिक सेवा पोर्टल - (आय-जाति-निवास आदि प्रमाण पत्र)
- ऑनलाइन आधार कार्ड
- ऑनलाइन राशन कार्ड
- ऑनलाइन पैन कार्ड
- ऑनलाइन पासपोर्ट
- ऑनलाइन मतदाता कार्ड
- ऑनलाइन प्रमाण पत्रों का सत्यापन
- ऑनलाइन शासनादेश/परिषदादेश
- ऑनलाइन खतौनी
- ऑनलाइन न्यायालय
- ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग
- ऑनलाइन बस टिकट बुकिंग
- ऑनलाइन दैनिक बाजार भाव
- ऑनलाइन मनरेगा आवेदन
- ऑनलाइन आयकर रिटर्न फाइलिंग
- ऑनलाइन मतदाता सूची
- ऑनलाइन स्पीड पोस्ट स्थिति की जाँच
- ऑनलाइन एन.सी.ई.आर.टी कक्षा 1 से 12वीं तक की पुस्तकें
- ऑनलाइन शिकायत
- ऑनलाइन अपॉइंटमेंट
- ऑनलाइन डिजिटल लॉकर
- सरकारी सेवाओं के लिये एन्ड्राइड एप
- ऑनलाइन एफआईआर
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "सामान्य सेवा केंद्र - इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय". Ministry of Electronics and Information Technology, Government of India | Home Page. मूल से 5 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 जनवरी 2018.
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- डिजिटल भारत
- विकासपीडिया
- सेवा का अधिकार
- इलेक्ट्रानिक मतदान
- इलेक्ट्रॉनिक प्रापण (electronic procurement)
- इलेक्ट्रॉनिक लोकतंत्र (e-democracy)
- इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग
- इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (ई-कॉमर्स)
- इलेक्ट्रॉनिक लॉकर
- इलेक्ट्रॉनिक निधि अन्तरण (इलेक्त्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर)
- डिजिटल बटुआ