आस्तिक
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भारतीय दर्शन में आस्तिक शब्द तीन अर्थों में प्रयुक्त हुआ है-
- (1) जो लोग वेद को परम प्रमाण मानते हैं। इस परिभाषा के अनुसार बौद्ध, जैन और लोकायत मतों के अनुयायी नास्तिक कहलाते हैं और ये तीनों दर्शन नास्तिक दर्शन कहे जाते हैं।
- (2) जो आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं।
- (3) जो ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं, तथा परलोक और मृत्युपश्चात् जीवन में विश्वास नहीं करते। इस परिभाषा के अनुसार केवल चार्वाक दर्शन जिसे लोकायत दर्शन भी कहते हैं, भारत में नास्तिक दर्शन कहलाता है और उसके अनुयायी नास्तिक कहलाते हैं।
आस्तिक शब्द, अस्ति से बना हुआ है जिसका अर्थ है - '(विद्यमान) है'। जो आस्तिक नहीं हैं उन्हें नास्तिक कहा जाता है।