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आबचंद की गुफ़ाएँ

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आबचंद की गुफ़ाएँ भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सागर शहर से करीब 35 किमी पूर्व की ओर सागर-दमोह मार्ग पर स्थित हैं। लगभग एक दर्जन शैल गुफाएं हैं। ये गुफाएं गधेरी नदी की घाटी में आबचंद के रक्षित वन की घनी झाड़ियों वाले क्षेत्र में सुरक्षित हैं। इन गुफाओं में पाए गए शैल चित्रों में भी उसी प्रकार की रंगीन चित्रकारी की गई है, जैसी सिंघनपुर और आदमगढ़ में प्राप्त हुई है। सबसे बड़ी गुफा करीब 40 फुट लंबी है। यहां साल में एक बार मकर संक्रांति पर मेला लगता है जिसे गुफा मेला कहते हैं। आबचंद के शैलचित्रों में पुरामानव की लोकचित्रकला के दर्शन होते हैं। इससे सिद्ध है कि बुंदेलखंड में लोकसंस्कृति की आदिम स्थिति वर्तमान थी।[1] आपचॅद। आबचॅद क़ी ग़ुफाऎ ग़िरबर रेलवे स्टेश्न से ३क़िमी दूर है। य़े ग़ुफाऎ ग़देरी ऩदी क़े पानी से पहाड़ क़ट क़र बनी है।

सन्दर्भ

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  1. "बुंदेली लोकसंस्कृति का उद्भव और विकास". टीडीआईएल. Archived from the original on 21 अगस्त 2008. Retrieved 19 जून 2008.