आत्मनिर्णय
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राष्ट्रों के आत्मनिर्णय (अंग्रेज़ी: self-determination) का अधिकार आधुनिक अन्तरराष्ट्रीय विधि का एक आधारभूत सिद्धान्त है (आम तौर पर जस कोजेंस नियम के रूप में माना जाने वाला), जो अधिकारपत्र के मानदण्डों के आधिकारिक विवेचन के रूप में संयुक्त राष्ट्र पर, जैसे, बाध्यकारी हैं।[1][2]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- साम्राज्यवाद-विरोध
- वि-उपनिवेशवाद
- संजातीय अलगाववाद
- पहचान राजनीति
- देशज लोग
- सूचनात्मक आत्मनिर्णय (जर्मन)
- अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध सिद्धान्त
- वैधता
- ऐतिहासिक अमान्य देशों की सूची
- अन्तरसरकारी संगठनों द्वारा मान्य राष्ट्रीय मुक्ति आन्दोलनों की सूची
- सोवियत संघ में राष्ट्रीय परिसीमन
- राष्ट्र-राज्य
- अहस्तक्षेप
- धार्मिक राष्ट्रवाद
- अस्तित्व का अधिकार
- स्वशासन
- आत्म-स्वामित्व
- राज्यहीन राष्ट्र
- क्षेत्रीय अखण्डता
- Unrepresented Nations and Peoples Organization
- राष्ट्रीय मुक्ति के युद्ध
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ See: United Nations General Assembly Resolution 1514 in Wikisource states
- ↑ McWhinney, Edward (2007). Self-Determination of Peoples and Plural-Ethnic States in Contemporary International Law: Failed States, Nation-Building and the Alternative, Federal Option. Martinus Nijhoff Publishers. पृ॰ 8. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9004158359.