अव्यवहित अनुमान

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अव्यवहित अनुमान (Immediate inference) वह अनुमान है जो केवल एक कथन या प्रतिज्ञप्ति से निकाला जा सकता है। [1] उदाहरण के लिए, "सभी टोड हरे हैं" कथन से, अव्यवहित अनुमान लगाया जा सकता है कि "ऐसा नहीं है कि कोई भी टोड हरा नहीं है " या "कोई भी टोड गैर-हरा नहीं है" (प्रतिवर्तित, Obverse)। ऐसे कई अव्यवहित अनुमान हैं जो तार्किक प्रचालन का उपयोग करके वैध रूप से किए जा सकते हैं, जिसका परिणाम दिए गए कथन के तार्किक रूप से समकक्ष कथन रूप है। ऐसे अमान्य अव्यवहित अनुमान भी हैं जो कि न्यायवाक्य तर्कदोष हैं।

मान्य अव्यवहित अनुमान[संपादित करें]

परिवर्तित (Converse)[संपादित करें]

  • एक प्रकार के E कथन को देखते हुए, "कोई S, P नहीं है।" ,कोई अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "कोई P, S नहीं है" जो दिए गए कथन का परिवर्तित है।
  • एक प्रकार के I कथन को देखते हुए, "कुछ S, P हैं।", कोई अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "कुछ P, S हैं" जो दिए गए कथन का परिवर्तित है।

प्रतिवर्तित (Observe)[संपादित करें]

  • एक प्रकार के A कथन को देखते हुए, "सभी S, P हैं।", कोई अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "कोई भी S, गैर-P नहीं है" जो दिए गए कथन का प्रतिवर्तित है।
  • एक प्रकार के E कथन को देखते हुए, "कोई S, P नहीं है।", कोई भी अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "सभी S गैर-P हैं" जो कि दिए गए कथन का प्रतिवर्तित है।
  • एक प्रकार के I कथन को देखते हुए, "कुछ S, P हैं।", एक अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "कुछ S गैर-P नहीं हैं" जो दिए गए कथन का प्रतिवर्तित है।
  • एक प्रकार के O कथन को देखते हुए, "कुछ S, P नहीं हैं।", कोई अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "कुछ S, गैर-P हैं" जो दिए गए कथन का प्रतिवर्तित है।

प्रतिपरिवर्तित (Contrapositive)[संपादित करें]

  • एक प्रकार के A कथन को देखते हुए, "सभी S, P हैं।", कोई अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "सभी गैर-P, गैर-S हैं" जो दिए गए कथन का प्रतिपरिवर्तित है।
  • एक प्रकार के O कथन को देखते हुए, "कुछ S, P नहीं हैं।", कोई अव्यवहित अनुमान लगा सकता है कि "कुछ गैर-P, गैर-S नहीं हैं" जो दिए गए कथन का प्रतिपरिवर्तित है।

अमान्य अव्यवहित अनुमान[संपादित करें]

विपरीत, उप-विपरीत और उपाश्रयण संबंधों के गलत अनुप्रयोग के मामले (ये विरोध के पारंपरिक वर्ग में हैं, विरोध के आधुनिक वर्ग में नहीं।) क्रमशः अवैध विपरीत, अवैध उप-विपरीत और अवैध उपाश्रयण कहलाते हैं। अंतर्विरोधी संबंध के गलत अनुप्रयोग के मामले (यह संबंध विरोध के पारंपरिक और आधुनिक दोनों वर्गों में है।) इतने दुर्लभ हैं, कि "अवैध अंतर्विरोधी" तर्कदोष को आमतौर पर मान्यता नहीं दी जाती है। नीचे इन मामलों के उदाहरण दिखाए गए हैं।

अवैध विपरीत (Illicit contrary)[संपादित करें]

  • यह असत्य है कि सभी A, B हैं, इसलिए कोई भी A, B नहीं है।
  • यह असत्य है कि कोई भी A, B नहीं है, इसलिए सभी A, B हैं।

अवैध उपविपरीत (Illicit subcontrary)[संपादित करें]

  • कुछ A, B हैं, इसलिए यह असत्य है कि कुछ A, B नहीं हैं।
  • कुछ A, B नहीं हैं, इसलिए कुछ A, B हैं।

अवैध उपाश्रयण (Illicit subalternation) और अवैध अधि-आश्रयण (Illicit superalternation, अध्याश्रयण)[संपादित करें]

  • कुछ A, B नहीं हैं, इसलिए कोई A, B नहीं है।
  • यह असत्य है कि सभी A, B हैं, इसलिए यह गलत है कि कुछ A, B हैं।
  1. Churchill, Robert Paul (1990). Logic: An Introduction (2nd संस्करण). New York: St. Martin's Press. पृ॰ 162. OCLC 21216829. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-312-02353-7. Immediate inference is the assumption, without intervening—or 'mediating'—premises, that because one categorical statement is true (or false), a logically equivalent categorical statement must also be true (or false).