अम्लीय लवण

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अम्लीय लवण (Acidic Salt): एक सामान्य लवण जो दृढ अम्ल और कमजोर क्षार के उदासीनीकरण द्वारा निर्मित होते है उसे अम्लीय लवण कहा जाता है।  क्योंकि इसका जलीय घोल नीले लिटमस को लाल कर देता है। उदाहरण: यौगिकें जैसे FeCI3, ZnCl2, HgCl2, Fe2 (S04) 3, HgS04, NH4Cl, CuSO4 आदि अम्लीय लवण हैं।

NH4OH + HCl → NH4Cl + H2O

  • प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण के pH का मान 7 होता है तथा ये उदासीन होते हैं। जबकि प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक के लवण के pH का मान 7 से कम होता है तथा ये अम्लीय होते हैं। प्रबल क्षारक एवं दुर्बल अम्ल के लवण के pH का मान 7 से अधिक होता है तथा ये क्षारकीय होते हैं।[1]

उपयोग[संपादित करें]

अम्लीय लवणों का उपयोग काँच, साबुन और कागज के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। - बोरेक्स (borax) जैसे सोडियम यौगिकों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। - एक एंटासिड (antacid) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। - बेकिंग पाउडर बनाने में इस्तेमाल किया जाता है जो कि केक, रोटी आदि बनाने में इस्तेमाल होता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "एनसीईआरटी" (PDF). NCERT Class 10. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)