सामग्री पर जाएँ

अग्निशस्त्र

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
यह ग्लॉक-१७ पिस्तौल एक प्रकार का अग्न्यायुध है

अग्न्यायुध हाथों में उठाकर चला सकने वाली बन्दूक को कहते हैं। यह एक नलीदार शस्त्र होता है जो धमाके के साथ एक या एक से अधिक गोलियाँ या अन्य प्रक्षेप्य किसी मनचाहे निशाने की ओर तीव्र गति से चला देता है। अग्न्यायुधों का आविष्कार १३वीं शताब्दी ईसवी में चीन में हुआ था लेकिन वे धीरे-धीरे पूर्वी एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप में फैल गये।[1] पुराने ज़माने में काले रंग का बारूद नोदक के लिये प्रयोग होता था लेकिन आधुनिक काल में बिना धुएँ वाले विस्फोटक पाउडर प्रयोग होने लगे।

भारतीय कानूनी परिभाषा

[संपादित करें]
"अग्न्यायुधों" से किसी विस्फोटक या अन्य प्रकारों की ऊर्जा की क्रिया से किसी भी प्रकार के प्रक्षेप्य य या प्रक्षेप्यों को चलाने के लिए परिकल्पित या अनुकूलित किसी भी वर्णन के शस्त्र अभिप्रेत हैं, तथा,—
  • तोप, हस्तगोले, दंगा-पिस्तौलें या किसी भी अपायकर द्रव, गैस या अन्य ऐसी चीज को छोड़ने के लिए परिकल्पित या अनुकूलित किसी भी प्रकार क शस्त्र,
  • कसी भी ऐसे अग्न्यायुध को चलाने से हुई ध्वनि या चमक को कम करन क लिए परिकल्पित या अनुकूलित उसके उपसाधन,
  • अग्न्यायधों के भाग और उन्हें विनिर्मित करने के लिए साधन, तथा
  • तोप को चढ़ाने, उनका पिरवहन करने और उन्हें कार्य में लाने क लिए वाहन, मंच और साधित्र, इसके अन्तर्गत आते हैं;[2]

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. Helaine Selin (1 January 1997). Encyclopaedia of the History of Science, Technology, and Medicine in Non-Western Cultures. Springer. p. 389. ISBN 978-0-7923-4066-9. Archived from the original on 9 अक्तूबर 2013. Retrieved 30 July 2013. {{cite book}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  2. "आयुध अधिनियम, 1959" (PDF). क़ानून एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार.