ज़िन्दगी ज़िन्दगी

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ज़िन्दगी ज़िन्दगी

ज़िन्दगी ज़िन्दगी का पोस्टर
निर्देशक तपन सिन्हा
लेखक ख़्वाजा अहमद अब्बास
निर्माता नरीमन ईरानी[1]
अभिनेता जलाल आग़ा,
सुनील दत्त,
फरीदा ज़लाल,
अशोक कुमार,
देब मुखर्जी,
वहीदा रहमान
संगीतकार एस॰ डी॰ बर्मन
प्रदर्शन तिथि
1972
देश भारत
भाषा हिन्दी

ज़िन्दगी ज़िन्दगी 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन तपन सिन्हा ने किया है और इसमें सुनील दत्त, देब मुखर्जी, वहीदा रहमान, फरीदा जलाल और अशोक कुमार हैं। फिल्म एक गाँव के अस्पताल में जीवन दर्शाती है और इसके मूल में जातिवाद मुद्दा है। इसमें एस॰ डी॰ बर्मन का उत्कृष्ट संगीत था, जिसने उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार दिलाया।

संक्षेप[संपादित करें]

यह फिल्म एक गाँव के अस्पताल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे उदार दयालु व्यक्ति चौधरी रामप्रसाद (अशोक कुमार) ने बनाया था, जो अस्पताल में एक मरीज भी है। अन्य रोगियों में इस्माइल (इफ़्तेख़ार), दयाराम (अनवर हुसैन), रतन (जलाल आगा) हैं जबकि डॉक्टर में डॉ. सुनील (सुनील दत्त) शामिल हैं। मरीजों के बीच एक गायक (देब मुखर्जी) है, जो अस्पताल की कर्मचारी श्यामा (फरीदा जलाल) से प्यार करता है। जब मीता शर्मा (वहीदा रहमान) अपने बेटे को भर्ती करने के लिए अस्पताल आती है, तो वह सुनील से मिलती है और उनका प्रेम-सबंध फिर से शुरू हो जाता है। अस्पताल के माहौल की पृष्ठभूमि में गाँव में एक चुनाव होता है, जो सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा होता है। लेकिन यह रामप्रसाद के बेटे (रमेश देव) को परेशान कर रहा है।

मुख्य कलाकार[संपादित करें]

संगीत[संपादित करें]

सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत एस॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायनअवधि
1."प्यार तूने क्या किया रे"एस॰ डी॰ बर्मन4:12
2."तूने हमें क्या दिया री ज़िन्दगी"किशोर कुमार4:50
3."ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी"एस॰ डी॰ बर्मन4:28
4."मेरा सब कुछ मेरे गीत रे"मन्ना डे4:37
5."तेरी जात क्या है"किशोर कुमार3:17
6."कौन सच्चा है और कौन झूठा"मन्ना डे3:27
7."खुश रहो साथियों"किशोर कुमार, लता मंगेशकर4:09

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "डॉन के 40 साल: धर्मेंद्र, जितेंद्र ने कह दिया था ना, तब हुई बिग बी की एंट्री और बन गई हिस्ट्री". 12 मई 2018. मूल से 27 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मार्च 2019.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]