मणिमेकलई

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मणिमेकलई (संस्कृत : मणिमेखला ; तमिल: மணிமேகலை/मणिमेकलै),[1][2] कवि सीतलै सतनार द्वारा रचित एक महाकाव्य है , जो कि आधुनिक तमिल साहित्य पाँच महाकाव्यों में से एक है।[3] यह तीस छन्दों का काव्य है। यह एक अन्य महाकाव्य शिलप्पदिकारम् की ही उत्तर-कृति है। इसमें मणिमेखले और राजकुमार उदय कुमारन के प्रेम और अन्ततः उसके बौद्ध भिक्षुणी बनने की कथा है। मणिमेखलै, कोवालन तथा माधवी की पुत्री थी।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Manimekalai - Original Text in Tamil". मूल से 5 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अक्तूबर 2018.
  2. "Manimekalai - English transliteration of Tamil original". मूल से 28 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अक्तूबर 2018.
  3. मुखर्जी 1999, पृ॰ 277