पुखराज

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पुखराज
टोपाज़

मैट्रिक्स पर पुखराज क्रिस्टल समूह
सामान्य
वर्गसिलिकेट खनिज
रासायनिक सूत्रAl2SiO4(F,OH)2
पहचान
वर्णस्पष्ट पारदर्शी (पानीदार)(यदि शुद्ध), नीला, भूरा, नार्म्गी, स्लेटी, पीला, हरा, गुलाबी और लालिमा गुलाबी
क्रिस्टल प्रणालीऑर्थोर्होम्बिक
क्लीवेज[001] पर्फ़ेक्ट
फ्रैक्चरconchoidal
मोह्ज़ स्केल सख्तता8
चमककांच जैसा
रिफ्रैक्टिव इंडेक्सnα = 1.606–1.629
nβ = 1.609–1.631
nγ = 1.616–1.638
ऑप्टिकल गुणBiaxial (+)
बाइरिफ्रिंजैंसδ = 0.010
प्लेओक्रोइज्म़Weak in thick sections
स्ट्रीकश्वेत
स्पैसिफिक ग्रैविटी3.49–3.57
डायफनैटीपारदर्शी
अन्य लक्षणFluorescent, short UV=golden yellow, long UV=cream
सन्दर्भ[1][2][3][4]

पुखराज एक बहुमूल्य रत्न होता है। बृहस्पति ग्रह से संबंधित रत्न, पुखराज को संस्कृत में पुष्पराग, हिन्दी में पुखराज कहा जाता है। चौबीस घंटे तक दूध में रखने पर यदि क्षीणता एवं फीकापन न आए तो असली होता है। पुखराज चिकना, चमकदार, शुद्ध पानिदार, पारदर्शी एवं व्यवस्थित किनारे वाला होता है। यह एल्युमिनियम और फ्लोरीन सहित सिलिकेट खनिज होता है जिसका रासायनिक सूत्र है Al2SiO4(F,OH)2

ब्रहस्पति के रत्न पुखराज को नवरत्नों में विशेष दर्जा दिया गया है, मूलयवान नवरत्नों में पुखराज को द्वितीय श्रेणी में रखा गया है, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पुखराज रत्न ब्रहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, पुखराज रत्न को धारण करने से व्यापार, व्यवसाय, ज्ञान और धन की वृद्धि होती है, पुखराज देवगुरु ब्रहस्पति का रत्न है,

ब्रहस्पति को ज्ञान, बुद्धिमानी, धन, कारोबार, धर्म, संतान सुख, विवाह, धार्मिक कार्य, उच्च शिक्षा का ग्रह माना जाता है, ब्रहस्पति को ज्योतिषशास्त्र में बहुत शुभता प्रदान करने वाला ग्रह कहा गया है,

अगर व्यक्ति को इन क्षेत्रों में उनत्ति, तरक्की और लाभ की प्राप्ति करनी हो तो उन्हें पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है।

जन्म पत्रिका में ब्रहस्पति की शुभ स्तिथि व्यक्ति को सामाजिक सम्मान, उन्नत्ति और पारिवारिक सुख प्रदान करती है, अगर इन क्षेत्रों में जातक सुख प्राप्त करना चाहता हो या जातक को जीवन में इन सुखों की कमी हो तो जातक को पीला पुखराज धारण करना चाहिए,

ऐसा भी कहा गया है की जिन युवक युवतियों के विवाह में विलम्ब हो रहा हो उनके लिए पुखराज रत्न धारण करना बहुत लाभकारी होता है,

इसके अलावा पुखराज रत्न धारण करने से ज्ञान, उच्च शिक्षा, सामाजिक उनत्ति, आर्थिक और धन लाभ होता है।  [5]

पुखराज के उपरत्न[संपादित करें]

  • घिया- हल्का पीला,
  • केसरी- हल्की चमक- भारी,
  • केरू- पीतल के रंग का,
  • सोनल- सफेद- पीली किरणें,
  • सुनैला- पीला चमकदार।
  • अन्य: पुखराज के स्थान पर टाइगर आई स्टोन , सुनहला या पीला हकीक भी धारण कर सकते हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Hurlbut, Cornelius S.; Klein, Cornelis, 1985, Manual of Mineralogy, 20th ed., ISBN 0-471-80580-7
  2. http://rruff.geo.arizona.edu/doclib/hom/topaz.pdf Handbook of Mineralogy
  3. http://www.mindat.org/show.php?id=3996&ld=1&pho= Mindat
  4. http://webmineral.com/data/Topaz.shtml Webmineral
  5. नारायण, लक्ष्मी (2023-01-14). "पुखराज स्टोन प्राइस". idea4you (Hindi में). अभिगमन तिथि 2023-01-29.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]