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"२२ जुलाई २००९ का सूर्यग्रहण": अवतरणों में अंतर

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यह इसी महीने के तीन ग्रहणों की शृंखला में दूसरी होगा, जिसमें अन्य हैं [[जुलाई 2009 का चंद्रग्रहण |7 जुलाई का चंद्रग्रहण ]] तथा [[अगस्त 2009 का चंद्रग्रहण|6 अगस्त का चंद्रग्रहण]]।
यह इसी महीने के तीन ग्रहणों की शृंखला में दूसरी होगा, जिसमें अन्य हैं [[जुलाई 2009 का चंद्रग्रहण |7 जुलाई का चंद्रग्रहण ]] तथा [[अगस्त 2009 का चंद्रग्रहण|6 अगस्त का चंद्रग्रहण]]।

== दृश्यता ==
यह एक सँकरे गलियारे में दृश्य होगा, जो उत्तरी मालदीव, उत्तरी पाकिस्तान व उत्तरी भारत, पूर्वी नेपाल, उत्तरी बांग्लादेश, भूटान, म्याँमार का उत्तरी बिंदु, मध्य चीन तथा प्रशांत महासागर में उसके द्वीपों र्युक्यु द्वीपों, मार्शल द्वीपों तथा किरिबती सहित, से गुजरेगा।

पूर्णता कई बड़े शहरों में दृश्य होगी, जिनमें हैं: सूरत, बड़ोदरा, भोपाल, वाराणसी, पटना, दिनाजपुर, सिलीगुड़ी, तवांग, गुवाहाटी, चोंगछिंग, यिचांग, जिंगजोउ, वुहान, होंगजोउ, शंघाई आदि।
<ref>[http://eclipse.gsfc.nasa.gov/SEgoogle/SEgoogle2001/SE2009Jul22Tgoogle.html NASA - Total Solar Eclipse of 2009 July 22]</ref><ref>[http://www.weather.com.cn/static/html/topic_09rqs.shtml Weather conditions for cities in China during the July 22 eclipse] {{zh}}</ref> कुछ विशेषज्ञों के अनुसार तारेगना
<ref>[http://in.news.yahoo.com/43/20090720/860/ttc-eclipse-gives-bihar-village-its-days.html Eclipse gives Bihar village its days in the sun - Yahoo! India News<!-- Bot generated title -->]</ref><ref>[http://www.news-relay.com/latest-news/longest-total-solar-eclipse-2009-nasa-declares-taregana-in-bihar-is-the-best-location/ Longest & Total Solar Eclipse 2009: NASA declares Taregana in Bihar is the Best Location to View Surya Grahan | News-Relay.com | News-Relay.com - Online Breaking News Portal, ...<!-- Bot generated title -->]</ref>,बिहार, इस घटना को देखने का सर्वश्रेष्ठ स्थान है।
आंशिक सूर्यग्रहण तो चंद्रमा की उपच्छाया के चौड़े मार्ग पर दिखाई देगा ही, जिसमें अधिकांश दक्षिण एशिया (संपूर्ण भारत व चीन) व उत्तर पूर्वी ओशियानिया शामिल हैं।


==संदर्भ==
==संदर्भ==

06:27, 22 जुलाई 2009 का अवतरण

22 जुलाई 2009 का सूर्यग्रहण 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण था, जो कि कुछ स्थानों पर 6 मिनट 39 सेकंड तक रहा। [1] इसके कारण चीन, नेपाल व भारत में पर्यटन-रुचि भी बढ़ी।[1][2][3] यह ग्रहण सौर-चक्र 136 का एक भाग है, जैसे कि कीर्तिमान-स्थापक 11 जुलाई 1991 का सूर्यग्रहण था। इस शृंखला में अगली घटना 2 अगस्त 2027 में होगी।[4] इसकी अनोखी लंबी अवधि इसलिए है, कि चंद्रमा उपभू बिंदु पर है, जिससे चंद्रमा का आभासी व्यास सूर्य से 8% बड़ा है (परिमाण 1.080) तथा पृथ्वी अपसौरिका के निकट है [5] जहाँ पर सूर्य थोड़ा सा छोटा दिखाई देता है।

यह इसी महीने के तीन ग्रहणों की शृंखला में दूसरी होगा, जिसमें अन्य हैं 7 जुलाई का चंद्रग्रहण तथा 6 अगस्त का चंद्रग्रहण

दृश्यता

यह एक सँकरे गलियारे में दृश्य होगा, जो उत्तरी मालदीव, उत्तरी पाकिस्तान व उत्तरी भारत, पूर्वी नेपाल, उत्तरी बांग्लादेश, भूटान, म्याँमार का उत्तरी बिंदु, मध्य चीन तथा प्रशांत महासागर में उसके द्वीपों र्युक्यु द्वीपों, मार्शल द्वीपों तथा किरिबती सहित, से गुजरेगा।

पूर्णता कई बड़े शहरों में दृश्य होगी, जिनमें हैं: सूरत, बड़ोदरा, भोपाल, वाराणसी, पटना, दिनाजपुर, सिलीगुड़ी, तवांग, गुवाहाटी, चोंगछिंग, यिचांग, जिंगजोउ, वुहान, होंगजोउ, शंघाई आदि। [6][7] कुछ विशेषज्ञों के अनुसार तारेगना [8][9],बिहार, इस घटना को देखने का सर्वश्रेष्ठ स्थान है। आंशिक सूर्यग्रहण तो चंद्रमा की उपच्छाया के चौड़े मार्ग पर दिखाई देगा ही, जिसमें अधिकांश दक्षिण एशिया (संपूर्ण भारत व चीन) व उत्तर पूर्वी ओशियानिया शामिल हैं।

संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ