वार्ता:भारत का उच्चतम न्यायालय
विषय जोड़ेंभारत का सर्वोच्च न्यायालय | |
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चित्र:Supreme Court of India.svg | |
स्थापना | 26 जनवरी, 1950 |
अधिकार क्षेत्र | भारत |
स्थान | नई दिल्ली |
निर्देशांक | 28°37′20″N 77°14′23″E / 28.622237°N 77.239584°Eनिर्देशांक: 28°37′20″N 77°14′23″E / 28.622237°N 77.239584°E |
निर्वाचन पद्धति | कार्यपालक निर्वाचन (योग्यता लागु) |
प्राधिकृत | भारतीय संविधान |
निर्णय पर अपील हेतु | भारत के राष्ट्रपति क्षमा(क्लीमेन्सी)/दण्ड पूर्ण |
न्यायाधीशको कार्यकाल | 65 वर्ष आयु |
पदों की संख्या | 31 |
जालस्थल | supremecourtofindia.nic.in |
भारत के मुख्य न्यायाधीश | |
वर्तमान | न्यायमूर्ति श्री राजेन्द्र मल लोढ़ा |
कार्य प्रारम्भ | 27 अप्रैल 2014 |
मुख्य पद समाप्ति | 27 सितम्बर 2014 |
ज्यूरिस्ट कार्यकआल समाप्ति | 27 सितम्बर 2014 |
न्यायमूर्ति श्री जस्ती चेलामेस्वर के इस लेख से नाम हटाए जाने के सम्बंध में
[संपादित करें]- नाम हटाए जाने की कड़ी
- सन्दर्भ: https://www.thequint.com/news/india/justice-chelameswar-retires-supreme-court-legacy-dissent-njac-press-conference
मोबदला
[संपादित करें]पुर्णा प्रकल्प नेवपुर तालुका कन्नड जिल्हा औरगांबाद महाराष्ट,आमची जमीन 1982 साली पुर्णा प्रकल्पात गेलेली आहे पण आजुन पर्यत आम्हाला मोबदला मिळालेला नाही आधिकारी व शेतकरी यानी सगनमत करुन कोरडवाहु जमीनी बागायती दाखऊन लाख रुपये मोबदला 3,दा 3 दा देण्यात आला पण मी पाटबधारेआधिकारी तहसिल कार्यलय कन्नड व औरगांबाद येथे 35 वर्ष खेट्या मारुन मारुन थकुन गेलो आहे तरी पण मला न्याय मिळाला नाही गट नं 329 हा 1982 साली सपादित झाला आणि 1992 ला गट नं 332 हा वारस लावुन खोटी पाईप लाईन दाखउन लाख रुपये मोबदला 3,3,दा देण़्यात आला आणि आता 2019 मध्ये गट नं 312 हा पण 1982 ला सपादित झालेला आहे आणि त्या गटात फळ बागाचा पैसा ऊचलण्या साठी तलाठी राजु देशमुख याने लाखो रुपये घेऊन 140 झाडाचा खोटा फेरफार केला आणि कन्नड चे व औरगाबाद चे पाटबधारे आधिकारी याच्याकडे गेलो की आम्हाला आता पर्यत उडवा उडवी चे उतर देतात आम्हाला न्याय देण्यात यावा ही विनंती व दोषीन वर करवाई करण्यात यावी आम्ही ज्याच्या कडे न्याय माघायला गेलो ते भ्रष्टाचारीच निघतात मग आम्हाला न्याय कोण देणार मो,9422717121