राठौड़ श्रावण

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राठौड़ श्रावण
राठौड़ श्रावण
जन्म21 अगस्त 1972 (1972-08-21) (आयु 51)
आदिलाबाद, तेलंगाना, भारत
पेशाशिक्षाविद, समाज विज्ञानी, लेखक, संपादक
राष्ट्रीयताभारतीय
नागरिकताभारतीय
शिक्षास्नातक, पी.एच.-डी.
खिताबसमाज विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए तेलंगाना सरकार के ओर से जिला अधिकारी द्वारा सम्मानित

राठौड श्रावण (जन्म 21 अगस्त 1972) भारत के एक शिक्षाविद, मनोविज्ञानी, समाज विज्ञानी, लेखक, संपादक एवं वर्तमान हिंदी प्राध्यापक शासकीय कनिष्ठ महाविद्यालय इद्रवेल्लि जिला आदिलाबाद तेलंगाना में कार्यरत हैं।

प्रारंभिक शिक्षा[संपादित करें]

राठौड़ श्रावण प्रारंभिक शिक्षा जनजातीय एजेन्सी क्षेत्र के सरकारी आश्रम पाठशाला जैनुर तहसील के अंतर्गत पानापठार गांव में हुई। उन्नत शिक्षा नारनुर के निकट भीमपुर पाठशाला में हुई थी। बचपन से मैं पड़ने लिखने में होशियार रहने के कारण राठौड़ श्रावण गुरुजनों ने कुशाग्र बुद्धि के छात्र कहते थे।१९८९ में मैं बेल्लमपल्लि रेसिडेंशियल विद्यालय में मैने दसवीं कक्षा कि परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास किया। १९९१ में इण्टर उत्तीर्ण करने के बाद नियमित सरकारी पाठशाला में अध्यापक हुए। सरकारी नौकरी करते हुए। १९९५ में उस्मानिया विश्वविद्यालय में बीए की परीक्षा १९९७ में बी.एड. की परीक्षा और हिंदी विद्वान की परीक्षा हिंदी प्रचार सभा हैदराबाद से प्रथम श्रेणी में पास होने के बाद सन 2004 में मैं एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण किए।

सम्मान[संपादित करें]

हिंदी, तेलुगु के विकास, प्रचार-प्रसाय काव्य प्रेमियों विविध संस्थान के गठन से साहित्य सेवा के लिए इन्हे कई पुरस्कार से सम्मानित किया चुका हैं।

  • जिला स्तर पर श्रेष्ठ आध्यापक पुरस्कार-1998
  • जिला स्तर पर श्रेष्ठ संसाधान व्यात्ति पुरस्कार-2005
  • जिला स्तर पर श्रेष्ठ प्रध्यापक पुरस्कार-2014
  • कैतिक कवि मित्रा पुरस्कार-2020
  • अक्ष्रर रत्न पुरस्कार-2021
  • साहित्य प्रवीण्य पुरस्कार-2021
  • उगादि पुरस्कार-2021
  • साहित्य सेवा स्पुर्ती पुरस्कार-2022
  • संतसिरोमणी सेवालाल माहाराज कवि रत्न पुरस्कार-2022
  • जल परिरक्ष्ण कवितोत्सव पुरस्कार-2023

साहित्य में योगदान[संपादित करें]

राठौड़ श्रावण ने हिंदी,तेलुगु साहित्य मे अपना अमूल्य योगदान दिया है। हिंदी में निबंध ,पुस्तक समीक्षा, और तेलुगु में स्वतंत्रता सेनानी वीरों का गौरव गान करते हुये, देश भक्ति किताबे भी लिखे है। राठौड़ श्रावण जी, बंजारा समाज के एक सर्व सामान्य व्यक़्ति है न की कोई बड़ा नेता हैं। न ही कोई बड़ा अधिकारी फिर भी समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। और बंजारा समाज को एक अलग पहचान दिला रहे हैं समाज में। आप विशेष रुप से पेड़ पौधे लगाने का महत्व और उन से होने वाला लाभ और आगे आने वाले वक्त में पेड़ पौधे का क्या महत्व होगा, उसे आज के समय में वृक्षारोपण बहुत जरूरी है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो हम भी सुरक्षित रहेंगे । कहते हुये तेलुगु भाषा की हारित हारम कु 'मुत्यालहारम' नाम से एक किताब के संपादक के रुप मे आदिलाबाद जिला परिषद के अध्यक्ष माननीय श्री राठौड जनार्धन जी के करकमलों से लोकार्पण किया।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]