हक्कानी नेटवर्क

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हक्कानी नेटवर्क
(हक़्क़ानी नेटवर्क)
Leadersजलालुद्दीन हक्कानी (alleged to be dead)
सिराजुद्दीन हक्कानी
Dates of operationc. 1980[1] – present
Group(s)ज़दरान (Pashtun tribe)[2][3][4][5]
Active regionsAfghanistan, Pakistan
IdeologyDeobandi fundamentalism
AlliesTaliban[1][6][7][8]
Tehrik-i-Taliban Pakistan
al-Qaeda
Tehreek-e-Nafaz-e-Shariat-e-Mohammadi
OpponentsState opponents

अफ़ग़ानिस्तान Islamic Republic of Afghanistan[9] NATO NATO[10]

Battles and warsSoviet war in Afghanistan
Civil war in Afghanistan (1989–92)
Civil war in Afghanistan (1992–96)
Civil war in Afghanistan (1996–2001)
War in Afghanistan (2001–14)
Taliban insurgency
Operation Zarb-e-Azb
War in Afghanistan (2015–present)

हक्कानी नेटवर्क (हक़्क़ानी नेटवर्क ), अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियाँ चलाने वाला छापामार समूह है जो वर्तमान समय (2016) में अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैनिकों को तथा अफगानिस्तान सरकार को निशाना बनाता है। यह समूह अफगानिस्तान में कार्यरत है और इसका आधार भी अफ़गानिस्तान में है। [11] किन्तु ऐसा आरोप है कि इसको पाकिस्तान की आई एस आई से भी सहायता मिलती है। हक्कानी नेटवर्क पर पूर्वी अफ़गानिस्तान और राजधानी काबुल में कई बम धमाके करने का भी आरोप है।

हक्कानी नेटवर्क को एक समय अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए का समर्थन प्राप्त था जब वो पूर्व सोवियत संघ के विरुद्ध लड़ रहा था। किन्तु इसके बाद में ये बड़ा पश्चिम-विरोधी गुट बनकर उभरा। हक्कानी नेटवर्क पर आरोप है कि अफ़गानिस्तान में सरकारी, भारतीय और पश्चिमी देशों के ठिकानों पर उसने कई बड़े हमले किए हैं। पाकिस्तानी अधिकारी हक्कानी नेटवर्क को मुख्यतः अफगान चरमपन्थी गुट बताते हैं, लेकिन इसकी जड़ें पाकिस्तान के अन्दर तक फैली हैं। हमेशा से अटकलें लगती रही हैं कि पाकिस्तानी सुरक्षा तन्त्र में कुछ लोगों में इसकी खास पैठ है। अमरीका काफी समय से इस चरमपन्थी संगठन को एक खतरे के तौर पर पेश करता रहा है और आरोप लगाता रहा है कि इसके अल-कायदा और तालिबान जैसे संगठनों से सम्बन्ध हैं। अमरीका पाकिस्तान पर दबाव बनाता आया है कि इस संगठन की गतिविधियों पर काबू पाया जाये।[12]

विचारधारा और लक्ष्य[संपादित करें]

हक्कानी नेटवर्क के मूल मूल्य राष्ट्रवादी और पान्थिक हैं। वे वैचारिक रूप से तालिबान के साथ जुड़े हुए हैं, जिन्होंने पश्चिमी प्रभाव को मिटाने और अफ़गानिस्तान को सख्ती से शरीयत का पालन करने वाले राज्य में बदलने का काम किया है। सोवियत सैनिकों को अफ़गानिस्तान से खदेड़ने के बाद बनी सरकार इसका उदाहरण था। दोनों समूहों का अफगानिस्तान में पश्चिमी सैन्य और राजनीतिक प्रयासों को बाधित करने और उन्हें स्थायी रूप से देश से खदेड़ने का सामान्य लक्ष्य है। वर्तमान में समूह की माँग है कि अमेरिका और गठबन्धन सेनाएँ, जो ज्यादातर नाटो राष्ट्रों से बनी हैं, अफ़गानिस्तान से हट जाएँ और अब इस्लामी राष्ट्रों की राजनीति या शैक्षिक प्रणालियों में हस्तक्षेप न करें।

फ़ण्डिंग[संपादित करें]

सिराजुद्दीन के कुछ भाई धनी दानदाताओं से धन जुटाने के लिए फारस की खाड़ी क्षेत्र की यात्रा करते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सितम्बर 2011 में बताया कि हक्कानी ने मिरानशाह में अदालतों, कर कार्यालयों और मदरसों के साथ एक "मिनिस्टेट" स्थापित किया है, और यह नेटवर्क ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट बेचने वाली फ्रंट कंपनियों की एक शृंखला चलाता है। उन्हें पूरे पूर्वी अफ़गानिस्तान में जबरन वसूली, अपहरण और तस्करी के कार्यों से भी धन प्राप्त होता है। एक साक्षात्कार में हक्कानी के एक पूर्व कमांडर ने जबरन वसूली को "हक्कानियों के लिए धन का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत" कहा। पख्तिया के एक आदिवासी बुजुर्ग के मुताबिक, हक्कानी के लोग सड़क निर्माण का काम करने वाले ठेकेदारों से पैसे माँगते हैं. वे दुकानदारों से पैसे या सामान माँग रहे हैं..जिले के बुजुर्ग और ठेकेदार अफ़गान कामगारों को पैसा दे रहे हैं, लेकिन कभी-कभी आधा पैसा चला जाएगा। हक्कानी के लोग।"

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Rassler, Don; Vahid Brown (14 July 2011). "The Haqqani Nexus and the Evolution of al-Qaida" (PDF). Harmony Program. Combating Terrorism Center. मूल (PDF) से 25 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 August 2011.
  2. http://www.rediff.com/news/slide-show/slide-show-1-haqqani-network-isis-friend-americas-foe/20110518.htm#4"The Archived 2016-05-30 at the वेबैक मशीन Haqqanis hail from the Pashtun Zadran tribe"
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; ISN नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  4. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; fp20100603 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  5. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; at20111015 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  6. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Riechmann नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  7. Gopal, Anand (1 June 2009). "The most deadly US foe in Afghanistan". The Christian Science Monitor. मूल से 9 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 August 2012.
  8. Syed Salaam Shahzaddate=5 May 2004. "Through the eyes of the Taliban". Asia Times. Retrieved 10 February 2009.
  9. "बीबीसी न्यूज़ - Rare look at Afghan National Army's Taliban fight". Bbc.com. मूल से 3 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-08-18.
  10. "Taliban attack NATO base in Afghanistan - Central & South Asia". अल जज़ीरा English. मूल से 21 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-08-18.
  11. "Founder of Haqqani Network is Long Dead Aide Says". दि न्यू यॉर्क टाइम्स. मूल से 14 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 January 2016.
  12. "हक्‍कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करेगा तभी पाकिस्‍तान को अमेरिका से मिलेगी 40 करोड डॉलर की मदद". मूल से 12 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2016.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]