वैद्युत पृथक्करण
दिखावट
किसी वैद्युत प्रणाली के दो या अधिक प्रभागों को इस प्रकार विलगित करना कि उनके बीच में आवेश-वाहक कणों का प्रवाह नहीं (बहुत कम) हो, वैद्युत पृथक्करण (Galvanic isolation) कहलाता है। पृथकृत प्रभागों के बीच विद्युत पृथक्करण के होते हुए भी ऊर्जा या सूचना का विनिमय सम्भव है जो धारिता, प्रेरण, विद्युतचुंबकीय तरंगों, श्रव्य तरंगों या यांत्रिक विधियों से किया जाता है।
विधियाँ
[संपादित करें]- ट्रांसफॉर्मर द्वारा
- आप्टोकपुलर द्वारा
उपयोग
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- पृथक्कारी ट्रांसफॉर्मर (Isolation transformer)
- पृथक्कारी प्रवर्धक (Isolation amplifier)
- डीसीसीटी (DCCT)
- आप्टोकपुलर (Optocoupler)
- रैखिक आप्टोकपुलर (Linear Optocoupler)