"द्रव्यमान": अवतरणों में अंतर
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= Measurement of Mass- द्रव्यमान का मापन = |
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द्रव्यमान पदार्थ का एक आधारभूत गुण है। यह पिण्ड के ताप, दाब या दिककाल में उसकी अवस्थिति पर निर्भर नहीं करता। द्रव्यमान का एस आई मात्रक किलोग्राम (kg) है। अंतर्राष्ट्रीय माप-तोल ब्यूरो द्वारा दिए गए अंतर्राष्ट्रीय मानक किलोग्राम के आदि प्ररूप विभिन्न देशों की बहुत सी प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है। भारत में इसे नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला में रखा गया है। |
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परमाणुओं और अणुओं के द्रव्यमानों के संबंध में किलोग्राम एक सुविधाजनक मात्रक नहीं है। अतः अणुओं, परमाणुओं के द्रव्यमान व्यक्त करने के लिए द्रव्यमान के एक महत्वपूर्ण मानक मात्रक, जिसे एकीकृत परमाणु संहति मात्रक (u) का प्रयोग करते हैं, जिसकी स्थापना परमाणुओं के द्रव्यमानों को इस प्रकार, व्यक्त करने के लिए की गई है : |
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1 एकीकृत परमाणु संहति मात्रक = 1 u |
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= इलेक्ट्रॉनों सहित, कार्बन-समस्थानिक ''<sub>6</sub>C<sup>12</sup>'' के एक परमाणु के द्रव्यमान का 1 /12 भाग |
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= '''1.66 x 10<sup>-27</sup> kg''' |
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सामान्य वस्तुओं के द्रव्यमान मापन के लिए हम उसी तरह की सामान्य तुला का उपयोग करते हैं जैसी परचून की दुकान में पाई जाती है। विश्व में पाए जाने वाले विशाल पिण्डों जैसे ग्रहों, तारों आदि के द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए हम न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम का उपयोग करते हैं। अति सूक्ष्म कणों, जैसे परमाणुओं, अवपरमाणुक कणों आदि के लघु द्रव्यमानों के मापन के लिए हम द्रव्यमान-स्पेक्ट्रमलेखी का प्रयोग करते हैं, जिसमें, एकसमान विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान, आवेशित कणों के प्रक्षेप-पथ की त्रिज्या उस कण के द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती होती है। |
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=== '''द्रव्यमानों के परास -''' === |
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'''विश्व में हम जो पिण्ड देखते हैं, उनके द्रव्यमानों में अंतर का एक अत्यंत विस्तृत परिसर है। एक ओर इलेक्ट्राॅन जैसा सूक्ष्म कण है, जिसका द्रव्यमान 10<sup>-30</sup> kg कोटि का है, तो दूसरी ओर लगभग 10<sup>55</sup> kg का ज्ञात विश्व है। नीचे सारणी में विभिन्न द्रव्यमानों के कोटि और परास दिए गए हैं।''' |
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| ''' वस्तु''' |
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| ''' द्रव्यमान kg ''' |
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|इलेक्ट्राॅन |
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|'''10<sup>-30</sup>''' |
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|प्रोटाॅन |
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|'''10<sup>-27</sup>''' |
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|यूरेनियम परमाणु |
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|'''10<sup>-25</sup>''' |
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|लाल रुधिर कोशिका |
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|'''10<sup>-13</sup>''' |
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|धूल कण |
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|'''10<sup>-9</sup>''' |
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|वर्षा की बूंद |
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|'''10<sup>-6</sup>''' |
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|मच्छर |
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|'''10<sup>-5</sup>''' |
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|अंगूर |
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|'''10<sup>-3</sup>''' |
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|मानव |
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|'''10<sup>2</sup>''' |
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|आटोमोबाइल |
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|'''10<sup>3</sup>''' |
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|बोइंग 747 वायुयान |
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|'''10<sup>8</sup>''' |
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|चंद्रमा |
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|'''10<sup>23</sup>''' |
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|पृथ्वी |
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|'''10<sup>25</sup>''' |
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|सूर्य |
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|'''10<sup>30</sup>''' |
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|आकाश गंगा मंदाकिनी |
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|'''10<sup>41</sup>''' |
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|प्रेक्षणीय विश्व |
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|'''10<sup>55</sup>''' |
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[[श्रेणी:भौतिकी]] |
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[[श्रेणी:भौतिक शब्दावली]] |
[[श्रेणी:भौतिक शब्दावली]] |
10:14, 6 सितंबर 2021 का अवतरण
द्रव्यमान किसी पदार्थ का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है।
सरल भाषा में द्रव्यमान से हमें किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है।
Measurement of Mass- द्रव्यमान का मापन
द्रव्यमान पदार्थ का एक आधारभूत गुण है। यह पिण्ड के ताप, दाब या दिककाल में उसकी अवस्थिति पर निर्भर नहीं करता। द्रव्यमान का एस आई मात्रक किलोग्राम (kg) है। अंतर्राष्ट्रीय माप-तोल ब्यूरो द्वारा दिए गए अंतर्राष्ट्रीय मानक किलोग्राम के आदि प्ररूप विभिन्न देशों की बहुत सी प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है। भारत में इसे नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला में रखा गया है।
परमाणुओं और अणुओं के द्रव्यमानों के संबंध में किलोग्राम एक सुविधाजनक मात्रक नहीं है। अतः अणुओं, परमाणुओं के द्रव्यमान व्यक्त करने के लिए द्रव्यमान के एक महत्वपूर्ण मानक मात्रक, जिसे एकीकृत परमाणु संहति मात्रक (u) का प्रयोग करते हैं, जिसकी स्थापना परमाणुओं के द्रव्यमानों को इस प्रकार, व्यक्त करने के लिए की गई है :
1 एकीकृत परमाणु संहति मात्रक = 1 u
= इलेक्ट्रॉनों सहित, कार्बन-समस्थानिक 6C12 के एक परमाणु के द्रव्यमान का 1 /12 भाग
= 1.66 x 10-27 kg
सामान्य वस्तुओं के द्रव्यमान मापन के लिए हम उसी तरह की सामान्य तुला का उपयोग करते हैं जैसी परचून की दुकान में पाई जाती है। विश्व में पाए जाने वाले विशाल पिण्डों जैसे ग्रहों, तारों आदि के द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए हम न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम का उपयोग करते हैं। अति सूक्ष्म कणों, जैसे परमाणुओं, अवपरमाणुक कणों आदि के लघु द्रव्यमानों के मापन के लिए हम द्रव्यमान-स्पेक्ट्रमलेखी का प्रयोग करते हैं, जिसमें, एकसमान विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान, आवेशित कणों के प्रक्षेप-पथ की त्रिज्या उस कण के द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती होती है।
द्रव्यमानों के परास -
विश्व में हम जो पिण्ड देखते हैं, उनके द्रव्यमानों में अंतर का एक अत्यंत विस्तृत परिसर है। एक ओर इलेक्ट्राॅन जैसा सूक्ष्म कण है, जिसका द्रव्यमान 10-30 kg कोटि का है, तो दूसरी ओर लगभग 1055 kg का ज्ञात विश्व है। नीचे सारणी में विभिन्न द्रव्यमानों के कोटि और परास दिए गए हैं।
वस्तु | द्रव्यमान kg |
इलेक्ट्राॅन | 10-30 |
प्रोटाॅन | 10-27 |
यूरेनियम परमाणु | 10-25 |
लाल रुधिर कोशिका | 10-13 |
धूल कण | 10-9 |
वर्षा की बूंद | 10-6 |
मच्छर | 10-5 |
अंगूर | 10-3 |
मानव | 102 |
आटोमोबाइल | 103 |
बोइंग 747 वायुयान | 108 |
चंद्रमा | 1023 |
पृथ्वी | 1025 |
सूर्य | 1030 |
आकाश गंगा मंदाकिनी | 1041 |
प्रेक्षणीय विश्व | 1055 |