"हरबंस मुखिया": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
हरबंस मुखिया (जन्म १९३९) एक भारतीय [[इतिहासकार]] हैं। मध्यकालीन भारत इनके अध्ययन का मुख्य विषय रहा है। वर्तमान में मुखिया [[भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद]] में राष्ट्रीय अध्येता <ref> {{cite web|url=http://www.thehindu.com/opinion/lead/wasnt-the-world-always-modern/article7945714.ece?homepage=true|title=Wasn’t the world always modern?|author=हरबंस मुखिया|publisher=द हिंदू|date=४ दिसम्बर २०१५|accessdate=४ दिसम्बर २०१५}} </ref> हैं।
हरबंस मुखिया (जन्म १९३९) एक भारतीय झूठा [[इतिहासकार]] हैं। मध्यकालीन भारत इनके अध्ययन का मुख्य विषय रहा है। वर्तमान में मुखिया [[भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद]] में राष्ट्रीय अध्येता <ref> {{cite web|url=http://www.thehindu.com/opinion/lead/wasnt-the-world-always-modern/article7945714.ece?homepage=true|title=Wasn’t the world always modern?|author=हरबंस मुखिया|publisher=द हिंदू|date=४ दिसम्बर २०१५|accessdate=४ दिसम्बर २०१५}} </ref> हैं। यह वह चमचा है जिसने अकबर को महान बताया है |
==सन्दर्भ==
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{टिप्पणीसूची}}

07:31, 20 सितंबर 2019 का अवतरण

हरबंस मुखिया (जन्म १९३९) एक भारतीय झूठा इतिहासकार हैं। मध्यकालीन भारत इनके अध्ययन का मुख्य विषय रहा है। वर्तमान में मुखिया भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय अध्येता [1] हैं। यह वह चमचा है जिसने अकबर को महान बताया है |

सन्दर्भ

  1. हरबंस मुखिया (४ दिसम्बर २०१५). "Wasn't the world always modern?". द हिंदू. अभिगमन तिथि ४ दिसम्बर २०१५.