"नगेंद्रनाथ वसु": अवतरणों में अंतर

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'''नगेन्द्रनाथ बसु''' (6 जुलाई 1866-1938) [[बांग्ला भाषा]] के ज्ञानकोशकार थे। उनके द्वारा संपादित [[बंगला विश्वकोश]] ही भारतीय भाषाओं से प्रणीत प्रथम आधुनिक [[विश्वकोश]] है। यह सन् 1911 में 22 खंडों में प्रकाशित हुआ।
'''नगेन्द्रनाथ बसु''' (6 जुलाई 1866-1938) [[बांग्ला भाषा]] के ज्ञानकोशकार थे। उनके द्वारा संपादित [[बंगला विश्वकोश]] ही भारतीय भाषाओं से प्रणीत प्रथम आधुनिक [[विश्वकोश]] है। यह सन् 1911 में 22 खंडों में प्रकाशित हुआ।
[[चित्र:Nagendranath_Basu_Plate.jpg|अंगूठाकार|Nagendranath Basu Plate]]
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नगेंद्रनाथ वसु ने ही अनेक [[हिंदी]] विद्वानों के सहयोग से बंगला विश्वकोश का हिन्दी रूपान्तर '[[हिंदी विश्वकोश]]' की रचना की जो सन् 1916 से 1932 के मध्य 25 खंडों में प्रकाशित हुआ।
नगेंद्रनाथ वसु ने ही अनेक [[हिंदी]] विद्वानों के सहयोग से बंगला विश्वकोश का हिन्दी रूपान्तर '[[हिंदी विश्वकोश]]' की रचना की जो सन् 1916 से 1932 के मध्य 25 खंडों में प्रकाशित हुआ।


नगेन्द्रनाथ बसु पुरातत्वविद, इतिहासकार तथा लेखक थे। उनका जन्म [[कोलकाता]] में हुआ था। कम आयु में ही उन्होने कविता एवं [[उपन्यास]] लिखना शुरू कर दिया था किन्तु शीघ्र वे सम्पादन कार्य में लग गए। 'तपस्विनी' तथा 'भारत' नामक दो मासिक [[पत्रिका]]ओं का उन्होने सम्पादन किया।
नगेन्द्रनाथ बसु पुरातत्वविद, इतिहासकार तथा लेखक थे। उनका जन्म [[कोलकाता]] में हुआ था। कम आयु में ही उन्होने कविता एवं [[उपन्यास]] लिखना शुरू कर दिया था किन्तु शीघ्र वे सम्पादन कार्य में लग गए। 'तपस्विनी' तथा 'भारत' नामक दो मासिक [[पत्रिका]]ओं का उन्होने सम्पादन किया।


==कृतियाँ==
==कृतियाँ==

09:08, 23 मई 2019 का अवतरण

नगेन्द्रनाथ बसु (6 जुलाई 1866-1938) बांग्ला भाषा के ज्ञानकोशकार थे। उनके द्वारा संपादित बंगला विश्वकोश ही भारतीय भाषाओं से प्रणीत प्रथम आधुनिक विश्वकोश है। यह सन् 1911 में 22 खंडों में प्रकाशित हुआ।

Nagendranath Basu Plate

नगेंद्रनाथ वसु ने ही अनेक हिंदी विद्वानों के सहयोग से बंगला विश्वकोश का हिन्दी रूपान्तर 'हिंदी विश्वकोश' की रचना की जो सन् 1916 से 1932 के मध्य 25 खंडों में प्रकाशित हुआ।

नगेन्द्रनाथ बसु पुरातत्वविद, इतिहासकार तथा लेखक थे। उनका जन्म कोलकाता में हुआ था। कम आयु में ही उन्होने कविता एवं उपन्यास लिखना शुरू कर दिया था किन्तु शीघ्र वे सम्पादन कार्य में लग गए। 'तपस्विनी' तथा 'भारत' नामक दो मासिक पत्रिकाओं का उन्होने सम्पादन किया।

कृतियाँ

दो विशालकाय विश्वकोश के अतिरिक्त उन्होने निम्नलिखित पुस्तकों की भी रचना की-

  • बंगेर जातीय इतिहास (कई भागों में)
  • कायस्थेर वर्णपरिचय
  • शून्यपुराण
  • आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ मयूरभंज
  • मॉडर्न बुधिज्म ऐण्ड इट्स फ्फॉलोवर्स इन ओरिसा
  • सोसल हिस्ट्री ऑफ कामरूप

बाहरी कड़ियाँ