"ज्वारीय शक्ति": अवतरणों में अंतर

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समुद्र में आने वाले [[ज्वार-भाटा]] की उर्जा को उपयुक्त टर्बाइन लगाकर विद्युत में बदल दिया जाता है। इसमें दोनो अवस्थाओं में विद्युत शक्ति पैदा होती है - जब पानी उपर चढ़ता है तब भी और जब पानी तरने लगता है तब भी। इसे ही '''लहर उर्जा''' (tidal power) कहते हैं। यह एक [[अक्षय उर्जा]] का स्रोत है।
समुद्र में आने वाले [[ज्वार-भाटा]] की उर्जा को उपयुक्त टर्बाइन लगाकर विद्युत में बदल दिया जाता है। इसमें दोनो अवस्थाओं में विद्युत शक्ति पैदा होती है - जब पानी उपर चढ़ता है तब भी और जब पानी तरने लगता है तब भी। इसे ही '''लहर उर्जा''' (tidal power) कहते हैं। यह एक [[अक्षय उर्जा]] का स्रोत है।


लहर उर्जा का अभी भी बहुत कम उपयोग आरम्भ हो पाया है। किन्तु इसमें भविष्य के लिये अपार उर्जा प्रदान करने की क्षमता निहित है। ज्वार-भाटा के आने और जाने का समय काफी सीमा तक पहले से ही ज्ञात होता है जबकि इसके विपरीत [[पवन उर्जा]] और [[सौर उर्जा]] का पूर्वानुमान अपेक्षाकृकठिन कार्य है।
लहर उर्जा का अभी भी बहुत कम उपयोग आरम्भ हो पाया है। किन्तु इसमें भविष्य के लिये अपार उर्जा प्रदान करने की क्षमता निहित है। ज्वार-भाटा के आने और जाने का समय काफी सीमा तक पहले से ही ज्ञात होता है जबकि इसके विपरीत [[पवन उर्जा]] और [[सौर उर्जा]] का पूर्वानुमान अपेक्षाकृत कठिन कार्य है।


== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==

12:37, 4 अगस्त 2015 का अवतरण

समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा की उर्जा को उपयुक्त टर्बाइन लगाकर विद्युत में बदल दिया जाता है। इसमें दोनो अवस्थाओं में विद्युत शक्ति पैदा होती है - जब पानी उपर चढ़ता है तब भी और जब पानी तरने लगता है तब भी। इसे ही लहर उर्जा (tidal power) कहते हैं। यह एक अक्षय उर्जा का स्रोत है।

लहर उर्जा का अभी भी बहुत कम उपयोग आरम्भ हो पाया है। किन्तु इसमें भविष्य के लिये अपार उर्जा प्रदान करने की क्षमता निहित है। ज्वार-भाटा के आने और जाने का समय काफी सीमा तक पहले से ही ज्ञात होता है जबकि इसके विपरीत पवन उर्जा और सौर उर्जा का पूर्वानुमान अपेक्षाकृत कठिन कार्य है।

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