"माता": अवतरणों में अंतर
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संस्कृत मूल - मातृ (मान्+तृच्, न लाेपः) । |
संस्कृत मूल - मातृ (मान्+तृच्, न लाेपः) । <ref> अाप्टे, वामन शिवराम (१९६९), '''संस्कृत-हिन्दी शब्दकाेश''' दिल्ली ः माेतीलाल बनारसीदास पब्लिसर्स </ref> |
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<ref> अाप्टे, वामन शिवराम (१९६९), '''संस्कृत-हिन्दी शब्दकाेश''' दिल्ली ः माेतीलाल बनारसीदास पब्लिसर्स </ref> |
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== बाहरी कडियाँ == |
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* '''[http://www.gyanipandit.com/mother-quotes-in-hindi/ Mother Quotes In Hindi]''' |
* '''[http://www.gyanipandit.com/mother-quotes-in-hindi/ Mother Quotes In Hindi]''' |
11:57, 12 मई 2015 का अवतरण
माता वह है जिसके द्वारा कोई प्राणी जन्म लेता है।
माता का संस्कृत मूल मातृ है। हिन्दी में इस शब्द का प्रयोग प्रायः इष्टदेवी को संबोधित करने के लिये किये जाता है, पर सामान्यरूप से माँ शब्द का प्रयोग ज्यादा होता है।
परिभाषा
इंसानों के परिपेक्ष में माता अपने गर्भ में बच्चे को धारण करती है और भ्रूण के विकास के बाद उसे जन्म देती है।
पर्यायवाची
जननी/जनयित्री/प्रसू/माँ
देखें
स्रोत
संस्कृत मूल - मातृ (मान्+तृच्, न लाेपः) । [1]
सन्दर्भ स्राेत
बाहरी कडियाँ
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- ↑ अाप्टे, वामन शिवराम (१९६९), संस्कृत-हिन्दी शब्दकाेश दिल्ली ः माेतीलाल बनारसीदास पब्लिसर्स