"यूरिक अम्ल": अवतरणों में अंतर
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4. विषमचक्रीय ऐमिनो अम्ल. |
4. विषमचक्रीय ऐमिनो अम्ल. |
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यह आयनों और लवण के रूप मे यूरेट और एसिड यूरेट जैसे अमोनियम एसिड यूरेट के रूप में शरीर मे उपलब्ध |
यह आयनों और लवण के रूप मे यूरेट और एसिड यूरेट जैसे अमोनियम एसिड यूरेट के रूप में शरीर मे उपलब्ध है। |
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प्रोटीन एमिनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनता है जब शरीर मे प्यूरीन न्यूक्लिओटाइडों टूट जाती है तब भी यूरिक एसिड बनता |
प्रोटीन एमिनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनता है जब शरीर मे प्यूरीन न्यूक्लिओटाइडों टूट जाती है तब भी यूरिक एसिड बनता है। |
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प्युरीन क्रियात्मक समूह होने के कारण यूरिक अम्ल एरोमेटिक योगिक होते |
प्युरीन क्रियात्मक समूह होने के कारण यूरिक अम्ल एरोमेटिक योगिक होते हैं। |
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शरीर मे यूरिक अम्ल का स्तर बढ़ जाने की स्तिथि को hyperuricemia कहते |
शरीर मे यूरिक अम्ल का स्तर बढ़ जाने की स्तिथि को hyperuricemia कहते हैं। |
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हम प्रोटीन कहाँ से प्राप्त करते है और प्रोटीन क्यों जरूरी हो शरीर के लिए ये जानना भी जरूरी हो जाता है अब ? |
हम प्रोटीन कहाँ से प्राप्त करते है और प्रोटीन क्यों जरूरी हो शरीर के लिए ये जानना भी जरूरी हो जाता है अब ? |
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मनुष्यों और अन्य जीव जंतुओं के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी आहार |
मनुष्यों और अन्य जीव जंतुओं के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी आहार है। इससे शरीर की नयी कोशिकाएँ और नये ऊतक बनते हैं पुरानी कोशिकाओं और उत्तको की टूटफूट की मरम्मत के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी आहार है। प्रोटीन के अभाव से शरीर कमजोर हो जाता है और कईं रोगों से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। प्रोटीन शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है। |
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वृद्धिशील शिशुओं, बच्चो, किशोरों और गर्भवती स्त्रियों के लिए अतरिक्त प्रोटीन भोजन की मांग ज्यादा होती है परन्तु 25 वर्ष की आयु के बाद कम शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक मात्रा मे प्रोटीन युक्त भोजन लेना उनके लिए यूरिक अम्लों की अधिकताजन्य दिक्कतों का खुला निमंत्रण साबित होते |
वृद्धिशील शिशुओं, बच्चो, किशोरों और गर्भवती स्त्रियों के लिए अतरिक्त प्रोटीन भोजन की मांग ज्यादा होती है परन्तु 25 वर्ष की आयु के बाद कम शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक मात्रा मे प्रोटीन युक्त भोजन लेना उनके लिए यूरिक अम्लों की अधिकताजन्य दिक्कतों का खुला निमंत्रण साबित होते हैं। |
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रेड मीट (लाल रंग के मांस), सी फूड, रेड वाइन, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक, मटर, पनीर, भिन्डी, अरबी, चावल आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ जाता है। |
रेड मीट (लाल रंग के मांस), सी फूड, रेड वाइन, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक, मटर, पनीर, भिन्डी, अरबी, चावल आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ जाता है। |
04:24, 15 सितंबर 2014 का अवतरण
यूरिक अम्ल एक कार्बनिक यौगिक है जो कार्बन, हाईड्रोजन, आक्सीजन और नाईट्रोजन तत्वों से बना होता है। इसका अणुसूत्र C5H4N4O3 है। यह एक विषमचक्रीय योगिक है जो कि शरीर को प्रोटीन से एमिनो अम्ल के रूप मे प्राप्त होता है।
प्रोटीनों से प्राप्त ऐमिनो अम्लों को चार प्रमुख वर्गों में विभक्त किया गया है -
1. उदासीन ऐमिनो अम्ल
2. अम्लीय ऐमिनो अम्ल
3. क्षारीय ऐमिनो अम्ल
4. विषमचक्रीय ऐमिनो अम्ल.
यह आयनों और लवण के रूप मे यूरेट और एसिड यूरेट जैसे अमोनियम एसिड यूरेट के रूप में शरीर मे उपलब्ध है। प्रोटीन एमिनो एसिड के संयोजन से बना होता है। पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो शरीर में यूरिक एसिड बनता है जब शरीर मे प्यूरीन न्यूक्लिओटाइडों टूट जाती है तब भी यूरिक एसिड बनता है।
प्युरीन क्रियात्मक समूह होने के कारण यूरिक अम्ल एरोमेटिक योगिक होते हैं।
शरीर मे यूरिक अम्ल का स्तर बढ़ जाने की स्तिथि को hyperuricemia कहते हैं।
हम प्रोटीन कहाँ से प्राप्त करते है और प्रोटीन क्यों जरूरी हो शरीर के लिए ये जानना भी जरूरी हो जाता है अब ? मनुष्यों और अन्य जीव जंतुओं के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी आहार है। इससे शरीर की नयी कोशिकाएँ और नये ऊतक बनते हैं पुरानी कोशिकाओं और उत्तको की टूटफूट की मरम्मत के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी आहार है। प्रोटीन के अभाव से शरीर कमजोर हो जाता है और कईं रोगों से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। प्रोटीन शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है।
वृद्धिशील शिशुओं, बच्चो, किशोरों और गर्भवती स्त्रियों के लिए अतरिक्त प्रोटीन भोजन की मांग ज्यादा होती है परन्तु 25 वर्ष की आयु के बाद कम शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक मात्रा मे प्रोटीन युक्त भोजन लेना उनके लिए यूरिक अम्लों की अधिकताजन्य दिक्कतों का खुला निमंत्रण साबित होते हैं।
रेड मीट (लाल रंग के मांस), सी फूड, रेड वाइन, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक, मटर, पनीर, भिन्डी, अरबी, चावल आदि के अधिक मात्रा में सेवन से भी यूरिक एसिड बढ जाता है।
बाहरी कड़ियाँ
- क्या होता है यूरिक अम्ल?
- MedlinePlus - Uric Acid Test
- International Kidney Stone Institute
- Purine content in food
- NHS Clinical Knowledge Summaries
यह लेख कार्बनिक यौगिक के बारे में एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |