"दक्षिणहस्त नियम": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Rechte-hand-regel.jpg|'''दक्षिणहस्त नियम'': सदिश '''a''' और '''b''' के सदिश गुणनफल की दिशा '''c''' की तरफ होगी। अर्थात सदिश गुणा किये जा रहे दो सदिश प्रथम दो अंगुलियों की दिशा में हों तो उनका गुननफल तीसरी अंगुली (मध्यमा) की दिशा में होगा।]]
[[चित्र:Rechte-hand-regel.jpg|right|thumb|300px|'''दक्षिणहस्त नियम'': सदिश '''a''' और '''b''' के सदिश गुणनफल की दिशा '''c''' की तरफ होगी। अर्थात सदिश गुणा किये जा रहे दो सदिश प्रथम दो अंगुलियों की दिशा में हों तो उनका गुननफल तीसरी अंगुली (मध्यमा) की दिशा में होगा।]]
[[गणित]] (सदिश कैलकुलस) और [[भौतिकी]] में '''दक्षिणहस्त नियम''' (right-hand rule) एक बहु-उपयोगी स्मारक युक्ति (mnemonic) है जिसकी सहायता से [[सदिश राशि|सदिश राशियों]] (जैसे चुम्बकीय बल) की दिशा ज्ञात करने की सुविधा मिलती है। यह नियम तीन प्रकार से बताया जाता है जो आपस में सम्बन्धित हैं।
[[गणित]] (सदिश कैलकुलस) और [[भौतिकी]] में '''दक्षिणहस्त नियम''' (right-hand rule) एक बहु-उपयोगी स्मारक युक्ति (mnemonic) है जिसकी सहायता से [[सदिश राशि|सदिश राशियों]] (जैसे चुम्बकीय बल) की दिशा ज्ञात करने की सुविधा मिलती है। यह नियम तीन प्रकार से बताया जाता है जो आपस में सम्बन्धित हैं।



12:09, 6 जुलाई 2014 का अवतरण

'दक्षिणहस्त नियम: सदिश a और b के सदिश गुणनफल की दिशा c की तरफ होगी। अर्थात सदिश गुणा किये जा रहे दो सदिश प्रथम दो अंगुलियों की दिशा में हों तो उनका गुननफल तीसरी अंगुली (मध्यमा) की दिशा में होगा।

गणित (सदिश कैलकुलस) और भौतिकी में दक्षिणहस्त नियम (right-hand rule) एक बहु-उपयोगी स्मारक युक्ति (mnemonic) है जिसकी सहायता से सदिश राशियों (जैसे चुम्बकीय बल) की दिशा ज्ञात करने की सुविधा मिलती है। यह नियम तीन प्रकार से बताया जाता है जो आपस में सम्बन्धित हैं।