"गुरुत्वाकर्षक लेंस": अवतरणों में अंतर
छो Bot: Migrating 40 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q185243 (translate me) |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) छो वर्तनी सुधार |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
== इतिहास == |
== इतिहास == |
||
१९१६ में [[ |
१९१६ में [[अल्बर्ट आइंस्टीन]] ने सापेक्षता सिद्धांत की घोषणा करी और उसे प्रकाशित किया। १९२४ में एक [[ओरॅस्त ख़्वोलसन]] नाम के [[रूसी]] भौतिकविज्ञानी ने आइनस्टाइन के सापेक्षता सिद्धांत को समझकर भविष्यवाणी करी के ऐसे गुरुत्वाकर्षक लेंस ब्रह्माण्ड में ज़रूर होंगे। १९३६ में आइनस्टाइन ने भी अपने एक लेख में ऐसे लेंसों के मिलने की भविष्यवाणी करी। कई दशकों बाद, १९७९ में, पहली दफ़ा यह चीज़ देखी गयी जब ट्विन क्वेज़ार नाम की वस्तु की एक के बजाए दो-दो छवियाँ देखी गयी। उसके बाद काफ़ी दूर-दराज़ वस्तुओं की ऐसी छवियाँ देखी जा चुकी हैं जिनमें उन वस्तुओं और पृथ्वी के बीच कोई बहुत बड़ी अन्य वस्तु राखी हो जो पहली वस्तु से आ रही प्रकाश की किरणों पर लेंसों का काम करे और उसकी छवि को या तो मरोड़ दे या आसमान में उसकी एक से ज़्यादा छवि दिखाए। |
||
== इन्हें भी देखें == |
== इन्हें भी देखें == |
||
* [[सामान्य सापेक्षता]] |
* [[सामान्य सापेक्षता]] |
||
* [[अल्बर्ट आइंस्टीन]] |
|||
* [[ऐल्बर्ट आइनस्टाइन]] |
|||
[[श्रेणी:भौतिकी]] |
[[श्रेणी:भौतिकी]] |
14:06, 20 नवम्बर 2013 का अवतरण
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (नवम्बर 2011) स्रोत खोजें: "गुरुत्वाकर्षक लेंस" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
गुरुत्वाकर्षक लेंस अंतरिक्ष में किसी बड़ी वस्तु के उस प्रभाव को कहते हैं जिसमें वह वस्तु अपने पास से गुज़रती हुई रोशनी की किरणों को मोड़कर एक लेंस जैसा काम करती है। भौतिकी (फिज़िक्स) के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत की वजह से कोई भी वस्तु अपने इर्द-गिर्द के व्योम ("दिक्-काल" या स्पेस-टाइम) को मोड़ देती है और बड़ी वस्तुओं में यह मुड़ाव अधिक होता है। जिस तरह चश्मे, दूरबीन या सूक्ष्मबीन के मुड़े हुए शीशे से गुज़रता हुआ प्रकाश भी मुड़ जाता है, उसी तरह गुरुत्वाकर्षक लेंस से गुज़रता हुआ प्रकाश भी मुड़ जाता है।
इतिहास
१९१६ में अल्बर्ट आइंस्टीन ने सापेक्षता सिद्धांत की घोषणा करी और उसे प्रकाशित किया। १९२४ में एक ओरॅस्त ख़्वोलसन नाम के रूसी भौतिकविज्ञानी ने आइनस्टाइन के सापेक्षता सिद्धांत को समझकर भविष्यवाणी करी के ऐसे गुरुत्वाकर्षक लेंस ब्रह्माण्ड में ज़रूर होंगे। १९३६ में आइनस्टाइन ने भी अपने एक लेख में ऐसे लेंसों के मिलने की भविष्यवाणी करी। कई दशकों बाद, १९७९ में, पहली दफ़ा यह चीज़ देखी गयी जब ट्विन क्वेज़ार नाम की वस्तु की एक के बजाए दो-दो छवियाँ देखी गयी। उसके बाद काफ़ी दूर-दराज़ वस्तुओं की ऐसी छवियाँ देखी जा चुकी हैं जिनमें उन वस्तुओं और पृथ्वी के बीच कोई बहुत बड़ी अन्य वस्तु राखी हो जो पहली वस्तु से आ रही प्रकाश की किरणों पर लेंसों का काम करे और उसकी छवि को या तो मरोड़ दे या आसमान में उसकी एक से ज़्यादा छवि दिखाए।