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== जनसांख्यिकी ==
== जनसांख्यिकी ==

===राजनीति===
हरदोई के सर्वप्रथम सांसद बुलाकी राम वर्मा है जिन्हें १९५२ में चुना गया।{{citation needed|date=मार्च 2013}}


== यातायात ==
== यातायात ==

08:30, 19 मार्च 2013 का अवतरण

हरदोई
—  जिला  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य उत्तर प्रदेश
महापौर
सांसद
जनसंख्या ११२,२७४ (२००१ के अनुसार )
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)

• १३४ मीटर

निर्देशांक: 27°25′N 80°07′E / 27.42°N 80.12°E / 27.42; 80.12

यह भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर है |

भूगोल

हरदोई लखनऊ, उत्तर प्रदेश क्षेत्र में 26-53 से 27-46 उत्तरी अक्षांश एवं 79-41 से 80-46 पूर्वी अक्षांश में बसा हुआ है। इसके उत्तरी सीमा शाहजहाँपुर और लखीमपुर खीरीkanoj, Farukkhabad, उन्नाब को छूती है।

जनसांख्यिकी

राजनीति

हरदोई के सर्वप्रथम सांसद बुलाकी राम वर्मा है जिन्हें १९५२ में चुना गया।[उद्धरण चाहिए]

यातायात

हरदोई तक पहुंचने के लिए रेल और सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। लखनऊ से हरदोई तक पहुंचने में करीब ढेड़ घंटा लगता है।

दंतकथा

हरदोई नाम पडा है हरि-द्रोही से - अर्थात जो भगवान से द्रोह करता हो। कहते हैं कि हिर्ण्याकश्यप ने अपने नगर का नाम हरि-द्रोही रखवा दिया था। उसके पुत्र ने विदोह किया। पुत्र को दण्ड देने के लिये बहिन होलिका अपने भतीजे को ले कर अग्नि में प्रवेश कर गयी। अपवाद घटा। प्रह्लाद का बाल भी बाँका ना हुआ और होलिका जल मरी। कहा जाता है कि जिस कुण्ड में होलिका जली थी, वो आज भी श्रवणदेवी नामक स्थल पर हरदोई में स्थित है।

आदर्श स्थल

हरदोई में श्री बाबा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थान हैं। इस मंदिर के पास एक पुराना टीला भी है, जिसे हिरण्याकश्यप के महल का खंडहर कहा जाता है। इसी के पास श्रवन देवी का मंदिर है। श्री महेन्द्र नाथ वर्मा द्वारा रचत पुस्तक "हरदोइ (हरिद्वयई) इसके अतिरिक्त हरदोई से लगभग ३६ किमी दूरी पर स्थित शाहाबाद मे दिलेर शाह का मकबरा भी दर्शनीय स्थल है। हरदोई से करीब 50 किलोमीटर पूर्व की दिशा में हत्‍याहरण तीर्थ है। बताते हैं कि रावण बध के बाद भगवान श्रीराम को ब्राह्मण की हत्‍या का पाप लग गया। इसके लिए राम को देश भर के तीर्थो में स्‍नान करने को कहा गया। हत्‍याहरण तीर्थ में स्‍नान करने के बाद राम को ब्राह़मण हत्‍या के पाप से मुक्ति मिली। इसी घटना के बाद इसका नाम हत्‍याहरण तीर्थ पडा। हत्‍याहरण तीर्थ से करीब 15 किलोमीटर पूर्व में अतरौली थाने के निकट जंगलीशिव तीर्थ स्‍थान है। जहां पर प्रतिमाह अमावश को मेला लगता है। तमाम श्रद्धालु जंगलीशिव तीर्थ में मार्जिन करके रोजाना पुण्‍य कमाते हैं। जंगलीशिव तीर्थ से 5 किलोमीटर पूर्व में भरावन से आगे चलने पर आस्तिक मुनि का प्राचीन मंदिर है। इसी स्‍थान पर आस्तिक मुनि ने कई वर्षो तक तपस्‍या की थी। अतरौली थानाक्षेत्र में ही भगवान बाणेश्‍वर महादेव मंदिर व तीर्थस्‍थान सोनिकपुर स्थित है। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्‍व है।

शिक्षा

हरदोई की तहसील संडीला के कस्‍बा अतरौली में पब्लिक साइंस स्‍कूल स्थित है।

== संदर्भ ==उद्योग --वैसे तो यहाँ उद्योगों के लिए काफी संभावना है लेकिन कोई बड़ा उद्योग इसके बाद भी यहाँ नहीं है यहाँ के नेताओ ने इस मामले में कभी भी सोचा नहीं वैसे राईस मिल फ्लोर मिल जैसे कई उद्योग है यहाँ लेकिन इनसे जनप्रतिनिधि लगातार दोहन करते है उद्योगों की स्थापना के लिए जिले के वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश चन्द्र पाठक ने अपने सीमित संसाधनों से यहाँ के उद्योग को लगातार बढ़ने के प्रयास किये और एक वातावरण बनाने की कोशिश की उनके प्रयासों से कई उद्योग यहाँ लगे है खुद श्री पाठक अत्यंत सीमित संसाधनों के जरिये जिले में पहली आयुर्वेदिक दवा उद्योग की स्थापना की न्यू इंडिया फार्मास्युटिकल्स नाम से यह ओधोगिक ईकाई करीब सौ से अधिक दवा का उत्पादन कर रही है टेबलेट सिरप के साथ साथ कई अन्य दवा का निर्माण यहाँ होता है हालाकि अभी यह समूह अपनी पूरी ताकत से विस्तार की और अगसर है और इसे जागरूक लोगो की जरुरत है जो इसके उत्पादन को भारतीय बाज़ार में पंहुचा सके श्री पाठक से आप उनके मोबाइल 94151758999 पर संपर्क कर सकते है


== बाहरी कड़ियाँ ==मीडिया --मीडिया को लेकर यहाँ कानपूर और लखनऊ से प्रकाशित सभी समाचार पत्र यहाँ आते है इसके अलावा जिले से कई समाचार पात्र प्रकाशित होते है टीवी मीडिया के भी यहाँ बड़ी संख्या में पत्रकार है लेकिन यहाँ पत्रकार खुलकर अपनी इस विधा का इस्तेमाल आम जनमानस की भलाई के लिए बहुत अधिक नहीं कर पाते है पत्रकारिता में अमर उजाला दैनिक जागरण ,हिन्दुस्तान जैसे पत्र है लेकिन इन पत्रों का प्रयोग जनहित से अधिक एक विशेष पक्ष में अधिक नज़र आता है जनपद में पत्रकारिता के मूल्यों को सवारने में टीवी मीडिया से जुड़े प्रशांत पाठक की साफगोई उनकी बेबाकी कुछ हद तक लोगो को प्रभावित करती है और स्वच्छ व मूल्यों की पत्रकारिता इसी युवा पत्रकार के आस पास ही कड़ी नज़र आती है कुछ दैनिक पात्र भी इस जनपद से निकलते है लेकिन केवल रस्म निभाते ही दिखते है