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[[चित्र:Harijan.png|thumb|''हरिजन'' समाचार-पत्र]] |
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हरि का अर्थ है "ईश्वर या भगवान" और जन का अर्थ है "लोग" [[महात्मा गाँधी]] ने "हरिजन" शब्द का प्रयोग हिन्दू समाज के उन समुदायों के लिये करना शुरु किया था जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत माने जाते थे। इनके साथ ऊँची जाति के लोग छुआछूत का व्यवहार करते थे अर्थात उन्हें [[अछूत]] समझा जाता था। सामाजिक पुर्ननिर्माण और इनके साथ भेदभाव समाप्त करने के लिये गाँधी ने उन्हें ये नाम दिया था और बाद में उन्होंने "हरिजन" नाम से एक समाचार-पत्र भी निकाला जिसमें इस सामाजिक बुराई के लिये वे नियमित लेख लिखते थे। |
हरि का अर्थ है "ईश्वर या भगवान" और जन का अर्थ है "लोग" [[महात्मा गाँधी]] ने "हरिजन" शब्द का प्रयोग हिन्दू समाज के उन समुदायों के लिये करना शुरु किया था जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत माने जाते थे। इनके साथ ऊँची जाति के लोग छुआछूत का व्यवहार करते थे अर्थात उन्हें [[अछूत]] समझा जाता था। सामाजिक पुर्ननिर्माण और इनके साथ भेदभाव समाप्त करने के लिये गाँधी ने उन्हें ये नाम दिया था और बाद में उन्होंने "हरिजन" नाम से एक समाचार-पत्र भी निकाला जिसमें इस सामाजिक बुराई के लिये वे नियमित लेख लिखते थे। |
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लेकिन अब हरिजन शब्द को प्रतिबन्धित कर दिया गया है! हरिजन शब्द के स्थान पर अनुसूचित जाति का स्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है ! |
लेकिन अब हरिजन शब्द को प्रतिबन्धित कर दिया गया है! हरिजन शब्द के स्थान पर अनुसूचित जाति का स्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है ! |
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हरिजन शब्द [[पाकिस्तान]] के दलितों के लिये भी प्रयुक्त होता है जिन्हें '''हरी''' कहा जाता है और जो मिट्टी के झोपड़े बनाने के लिये जाने जाते हैं। |
हरिजन शब्द [[पाकिस्तान]] के दलितों के लिये भी प्रयुक्त होता है जिन्हें '''हरी''' कहा जाता है और जो मिट्टी के झोपड़े बनाने के लिये जाने जाते हैं। |
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==गांधीजी के प्रकाशन== |
== गांधीजी के प्रकाशन == |
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गांधीजी हरिजन नाम वाले तीन पत्रों का प्रकाशन करते थे। |
गांधीजी हरिजन नाम वाले तीन पत्रों का प्रकाशन करते थे। |
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* हरिजन बन्धु |
* हरिजन बन्धु (गुजराती में) |
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* हरिजन सेवक (हिन्दी में) |
* हरिजन सेवक (हिन्दी में) |
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* हरिजन (अंग्रेजी में) |
* हरिजन (अंग्रेजी में) |
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इन तीन पत्रों में महात्मा गांधी देश के सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते थे। |
इन तीन पत्रों में महात्मा गांधी देश के सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते थे। |
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12:38, 12 फ़रवरी 2013 का अवतरण
हरि का अर्थ है "ईश्वर या भगवान" और जन का अर्थ है "लोग" महात्मा गाँधी ने "हरिजन" शब्द का प्रयोग हिन्दू समाज के उन समुदायों के लिये करना शुरु किया था जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत माने जाते थे। इनके साथ ऊँची जाति के लोग छुआछूत का व्यवहार करते थे अर्थात उन्हें अछूत समझा जाता था। सामाजिक पुर्ननिर्माण और इनके साथ भेदभाव समाप्त करने के लिये गाँधी ने उन्हें ये नाम दिया था और बाद में उन्होंने "हरिजन" नाम से एक समाचार-पत्र भी निकाला जिसमें इस सामाजिक बुराई के लिये वे नियमित लेख लिखते थे। लेकिन अब हरिजन शब्द को प्रतिबन्धित कर दिया गया है! हरिजन शब्द के स्थान पर अनुसूचित जाति का स्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है !
हरिजन शब्द पाकिस्तान के दलितों के लिये भी प्रयुक्त होता है जिन्हें हरी कहा जाता है और जो मिट्टी के झोपड़े बनाने के लिये जाने जाते हैं।
गांधीजी के प्रकाशन
गांधीजी हरिजन नाम वाले तीन पत्रों का प्रकाशन करते थे।
- हरिजन बन्धु (गुजराती में)
- हरिजन सेवक (हिन्दी में)
- हरिजन (अंग्रेजी में)
इन तीन पत्रों में महात्मा गांधी देश के सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते थे।
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