"अनंतस्पर्शी": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:1-over-x-plus-x.png|300px|right|thumb|लाल रंग में दिखाये गये फलन '''f(x)=(1/x)+x''' की अनन्तस्पर्शी '''y=x''' है जो हरे रंग में दिखाई गयी है।]] |
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[[वैश्लेषिक ज्यामिति]] में किसी [[वक्र]] की '''अनन्तस्पर्शी''' (asymptote) उस रेखा को कहते हैं जो उस वक्र को अनन्त पर [[स्पर्शरेखा|स्पर्श]] करती हुई प्रतीत होती है। अर्थात् ज्यों-ज्यों वक्र तथा वह रेखा अनन्त की ओर अग्रसर होते हैं, त्यों-त्यों उनके बीच की दूरी [[शून्य]] की ओर अग्रसर होती है। कुछ संदर्भों में मोटे तौर पर कह दिया जाता है कि, 'किसी वक्र की अनन्त पर स्पर्शरेखा उस वक्र की अनंतस्पर्शी कहलाती है।' |
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अनन्तस्पर्शी के ज्ञान से वक्रों के आरेखण में बहुत सहायता मिलती है क्योंकि अनन्तस्पर्शी वक्रों का बहुत दूरी पर स्थिति का संकेत करती है। |
अनन्तस्पर्शी के ज्ञान से वक्रों के आरेखण में बहुत सहायता मिलती है क्योंकि अनन्तस्पर्शी वक्रों का बहुत दूरी पर स्थिति का संकेत करती है। |
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f_1(x) = \frac{1}{x} |
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की दो अनन्तस्पर्शी हैं; ''x'' = 0 तथा ''y'' = ''0''. |
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= \frac{1}{5}x^2 + \frac{1}{x-1} |
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की भी दो अनन्तस्पर्शियाँ हैं - |
की भी दो अनन्तस्पर्शियाँ हैं - [[सरल रेखा]] ''x'' = 1 तथा [[परवलय]] <math>p(x) = \frac{1}{5}x^2</math> (यदि हम मानें कि सरलरेखा के अलावा अन्य वक्र भी अनन्तस्पर्शी के रूप में स्वीकार्य हैं।) |
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[[चित्र:Asymptote_f2.png|''' (x^3-x^2+5)/(5x-5) ''' की अनन्त्स्पर्शियाँ]] |
[[चित्र:Asymptote_f2.png|''' (x^3-x^2+5)/(5x-5) ''' की अनन्त्स्पर्शियाँ]] |
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==इन्हें भी देखें== |
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*[[स्पर्शरेखा]] |
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==बाहरी कड़ियाँ== |
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05:33, 28 अक्टूबर 2012 का अवतरण
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वैश्लेषिक ज्यामिति में किसी वक्र की अनन्तस्पर्शी (asymptote) उस रेखा को कहते हैं जो उस वक्र को अनन्त पर स्पर्श करती हुई प्रतीत होती है। अर्थात् ज्यों-ज्यों वक्र तथा वह रेखा अनन्त की ओर अग्रसर होते हैं, त्यों-त्यों उनके बीच की दूरी शून्य की ओर अग्रसर होती है। कुछ संदर्भों में मोटे तौर पर कह दिया जाता है कि, 'किसी वक्र की अनन्त पर स्पर्शरेखा उस वक्र की अनंतस्पर्शी कहलाती है।'
अनन्तस्पर्शी के ज्ञान से वक्रों के आरेखण में बहुत सहायता मिलती है क्योंकि अनन्तस्पर्शी वक्रों का बहुत दूरी पर स्थिति का संकेत करती है।
उदाहरण
अतिपरवलय (Hyperbola)
की दो अनन्तस्पर्शी हैं; x = 0 तथा y = 0.
फलन
की भी दो अनन्तस्पर्शियाँ हैं - सरल रेखा x = 1 तथा परवलय (यदि हम मानें कि सरलरेखा के अलावा अन्य वक्र भी अनन्तस्पर्शी के रूप में स्वीकार्य हैं।)