"मलय रॉय चौधुरी": अवतरणों में अंतर

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*'''डुबजले जेटुकु प्रश्वास ( १९९४ )। उपन्यास।
*'''डुबजले जेटुकु प्रश्वास ( १९९४ )। उपन्यास।
*'''जलाण्ञ्जलि ( १९९६ )। उपन्यास।
*'''जलाण्ञ्जलि ( १९९६ )। उपन्यास।
*''नामगन्ध''' ( १९९९ )। उपन्यास।
*'''नामगन्ध''' ( १९९९ )। उपन्यास।
*'''नाटकसमग्र''' ( १९९४ )। भुखी पीढी के समय लिखे गये नाट्कों का संकलन।
*'''नाटकसमग्र''' ( १९९४ )। भुखी पीढी के समय लिखे गये नाट्कों का संकलन।
*'''हंगरी किंवदन्ति''' ( १९९४ )। भुखी पीढी आन्दोलन क स्मृतिलेख।
*'''हंगरी किंवदन्ति''' ( १९९४ )। भुखी पीढी आन्दोलन क स्मृतिलेख।

15:19, 19 जुलाई 2011 का अवतरण

मलय रायचौधुरी ( २९ अक्तुब्रर १९३९ ) बांग्ला साहित्य के प्रख्यात कवि एवम आलोचक है । वह साठ के दशक के सहित्य आन्दोलन भुखी पीढी (हंगरि जेनरेशन ) के जन्मदाता माने जाते है । यह आन्दोलन बांग्ला साहित्य को एक नयी दिशा दि और उथलपुथल मचाये जिसकि गुंज सारे भारत मे शोर मचायी थी । आन्दोल्न के सिलसिले मे उनहे कविता लिखने के कारण कारावास के द्न्ड मिले थे। वह अब तक सत्तर से ज्यादा कविताग्रन्थ, नाटक, उपन्यास एवम अनुवद के पुस्तक लिख चुके है। साठ के दशक मे जो बदलाव बांगला कविता मे आये उसमे एक बडा योगदान मलय रायचौधुरी का रहा है। उनके काव्यग्रन्थो मे ख्यातिप्राफ्त है मेधार वतानुकूल घुन्गुर

कृतियां

  • मार्कसबादेर उत्तराधिकार ( १९६२ )
  • शयतानेर मुख ( १९६४) काव्यग्रन्थ।
  • आमार जेनरेशनेर काव्यदर्शन ( १९६४ ) भुखी पीढी आन्दोलन के दर्शन ।
  • जखम ( १९६५ ) दीर्घ कविता ।
  • इसताहार संकलन ( १९८५ )। भुखी पीढी के मेनिफेस्टों का संकलन।
  • कविता संकलन ( १९८६ )। भुखी पीढी आन्दोलन के समय लिखित कवितायें।
  • मेधार वातानुकुल घुंगुर ( १९८७ )। काव्यग्रन्थ।
  • हाततालि ( १९८९ ) । दीर्घ कविता।
  • चितकारसमग्र ( १९९५ )। काव्यपुस्तिका।
  • क्षत्रखान ( १९९५ )। कवितापुस्तिका,
  • जा लागबे बोलबेन ( १९९६ )। काव्यग्रन्थ।
  • ( १९९८ )। अपने कवितयों का विश्लेषण।
  • आत्मध्वंसेर सहस्राब्द ( २००० )। काव्यग्रन्थ।
  • भेन्नोगल्पो ( १९९६ )। कहानियों का संकलन।
  • डुबजले जेटुकु प्रश्वास ( १९९४ )। उपन्यास।
  • जलाण्ञ्जलि ( १९९६ )। उपन्यास।
  • नामगन्ध ( १९९९ )। उपन्यास।
  • नाटकसमग्र ( १९९४ )। भुखी पीढी के समय लिखे गये नाट्कों का संकलन।
  • हंगरी किंवदन्ति ( १९९४ )। भुखी पीढी आन्दोलन क स्मृतिलेख।
  • पोस्टमडर्निजम ( १९९५ )। शोधकार्य।
  • परावस्तवबाद ( १९९७ )।
  • आधुनिकतार विरुध्दे कथाबात्रा ( १९९९ )। मनन-चिन्तन।
  • मतान्तर ( २००० )। प्रचलित चिन्तओं पर टिप्पणियां।
  • हंगरी साक्षातकारमाला ( १९९९)। लघु पत्रिकायों में प्रकाशित साक्षातकारों का संकलनल।
  • पोस्टमोडर्न कालखण्ड ओ बांगालिर पतन ( २००० )। बंगालि समाज के पतन पर एक विश्लेषण।
  • उत्तराऔपनिवेशिक पोस्टमोडर्निजम ( २००१ )। मूल्यॉं के विघटन पर आलोचना।

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें