लोकतंत्र की देवी
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लोकतंत्र की देवी, 1989 के तियानमेन चौराहा विरोध और नरसंहार के दौरान आन्दोलनारियों द्वारा निर्मित १० मीटर ऊँची फोम को काटकर बनायी गयी मूर्ति थी जिसे चीनी सेना ने नष्ट कर दिया। इसे चार दिन में तैयार किया गया था। इसे 'लोकतंत्र और स्वतंत्रता की देवी', 'लोकतंत्र की आत्मा', और 'स्वतंत्रता की देवी' भी कहते हैं ।
इस मूल प्रतिमा को चीनी सेना द्वारा नष्ट किये जाने के बाद यह स्वतंत्रता तथा 'भाषण की स्वतंत्रता' का प्रतीक बन गयी है। १९८९ की घटना को याद रखने के लिये विश्व भर में इसकी अनेक प्रतिकृतियाँ बनायी गयीं हैं, जैसे वाशिंगटन डीसी में 'साम्यवाद के शिकारों का स्मारक' (Victims of Communism Memorial)।