बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र)
बूलीय बीजगणित (बूलीयन अल्जब्रा) या बूली का तर्कशास्त्र, तार्किक ऑपरेशन का एक सम्पूर्ण तन्त्र है। इसे सबसे पहले जॉज बूली ने उन्नीसवीं शदी के मध्य में बीजगणितीय तर्क के रूप में प्रस्तुत किया। बहुत दिनो तक इस पर लोगों का ध्यान नहीं गया और इसे महत्व नहीं दिया गया। इसके बहुत दिनों के बाद सन १९३८ में क्लॉड शैनन ने प्रदर्शित किया कि रिले-युक्त परिपथ का कार्य बूली के तर्क पर आधारित हैं। एक बार जब इसका प्रयोग डिजिटल एलेक्ट्रानिक परिपथों के डिजाइन एवं सरलीकरण में होने लगा तो क्रान्ति ही आ गयी। आज बूली का बीजगणित डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स का आधार बन गया है तथा इलेक्ट्रानिकी, संगणक का हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर, डेटाबेस, खोजी-यंत्र (सर्च-इंजन) एवं अन्य तार्किक डिजाइनों में अत्यन्त उपयोगी है।
बूलीय बीजगणित के गुण
[संपादित करें]यहां द्विक औंपरेशन (बाइनरी ऑपरेशन्) के लिये दो प्रतीक परिभाषित किये गये हैं।
(तार्किक AND/set intersection) and (तार्किक OR/set union)। इसी प्रकार एकाकी ऑपरेशन (unary operation) के लिये / ~ (तार्किक NOT/set complement) को परिभाषित किया गया है। इसके अलावा 0 (तार्किक असत्य/रिक्त समुच्चय, the empty set) तथा 1 (तार्किक सत्य/ the universal set).
नीचे वर्णित गुण बूली के तर्कशास्त्र एवं समुच्चय सिद्धान्त दोनो पर ही लागू होते हैं, किन्तु सुविधा के लिये केवल बूलीय तर्कशास्त्र के संकेतों का ही प्रयोग किया गया है।
तत्समक अवयव (Element of Identity)
क्रमविनिमेयता का गुण (Commutative property)
साहचर्य गुण (Associative property)
वितरण नियम (Distributive law)
अन्य गुण
डी मॉर्गन का नियम
गैर-आधारभूत संक्रियाएँ : XOR, XNOR तथा IMPLIES
- XOR:
- XNOR:
- IMPLIES:
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- तर्क द्वार (logic gates)
- वेन आरेख (Venn diagram)
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- The Calculus of Logic, by George Boole, Cambridge and Dublin Mathematical Journal Vol. III (1848), pp. 183–98.
- Logical Formula Evaluator (for Windows), a software which calculates all possible values of a logical formula
- How Stuff Works - Boolean Logic
- Maiki & Boaz BDD-PROJECT, a Web Application for BDD reduction and visualization.