बामियान के बुद्ध
बामियान के बुद्ध | |
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विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम |
बामियान के बुद्ध चौथी और पांचवीं शताब्दी में बनी बुद्ध की दो खडी मूर्तियां थी जो अफ़ग़ानिस्तान के बामयान में स्थित थी। ये काबुल के उत्तर पश्चिम दिशामें २३० किलोमीटर (१४० मील) पर, २५०० मीटर (८२०० फीट) की ऊंचाई पर थे। इनमेंसे छोटी मूर्ति सन् ५०७ में और बडी मूर्ति सन् ५५४ में निर्मित थी। ये क्रमश: ३५ मीटर (११५ फीट) और ५३ मीटर (१७४ फीट) की ऊंचाई की थी।[1]
मार्च २००१ में अफ़ग़ानिस्तान के जिहादी संगठन तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के कहने पर डाइनेमाइट से उडा दिया गया। कुछ हफ्तों में संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरेपर अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के दूत सईद रहमतुल्लाह हाशमी ने बताया कि उन्होने विशेष रूप से मूर्तियोंके रखरखाव के लिए आरक्षित अंतर्राष्ट्रीय सहायता का विरोध किया था जबकि अफ़ग़ानिस्तान अकाल का सामना कर रहा था।[2]
इतिहास
[संपादित करें]बामयान एतिहासीक रूप से रेशम मार्ग पर स्थित नगर है जो हिन्दु कुश पर्वत श्रृंखलाओंके बामियान घाटी में बसा है। यहाँ कई बौद्ध विहार थे और इस कारण ये धर्म, दर्शन और कला के लिए संपन्न केंद्र के रूप में विकसीत हुआ। बौद्ध भिक्षु पास के गुफाओं में रहते थे और इन गुफाओं को शानदार और चमकीले रंग के भित्तिचित्रों के साथ सजाया गया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये भित्तिचित्र मूर्तियोंके बाद के कालखन्ड में बने है।[3] यह दुसरी शताब्दी से एक बौद्ध धार्मिक स्थल था जब तक सातवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इस्लामी आक्रमण हुआ। जब तक ९वीं शताब्दी में मुस्लिम सफ़्फ़ारी राजवंश द्वारा पूरी तरह से कब्जा नहीं हुआ, तब तक बामयान ने गांधार की संस्कृति साझा की। बामियान के बुद्धोंका उल्लेख कई चीनी, फ्रेंच, अफगान और ब्रिटिश खोजकर्ता, भूगोलिक, व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के कहानीयों में हुआ है।[4] ख्याा
बनावट
[संपादित करें]बामयान के हिन्दु कुश पर्वत श्रृंखलाओं में बनी ये मुर्तियां कच्चे लाल रेत, मिट्टी, कंकड़, क्वार्ट्ज, बलुआ पत्थर और चूना पत्थर जैसे समूह से बने थे। निर्माण के बाद बदलते शासककों के कारण इन का कभी रखरखाव नहीं हुआ। इस क्षेत्र में वार्षिक वर्षा कम होती है। लेकिन पिघलते बर्फ से बने पानी की वजह से मूर्तियों का नुकसान अधिक हुआ हैं। इस क्षेत्र में भूकंप की संभावना ज्यादा है और ये कई झटके प्राप्त करता है। ये रिसता पानी और भूकंप के कारण कई बार बडे बडे खंड गिरे नजर आते हैं[3]
चित्रदीर्घा
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सन् १९८१
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बामयान घाटी का दृश्य, सन् २०१०
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सन् २००१
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भित्तिचित्र, सन् २००९
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बडे बुद्धमूर्ति के पास का चबूतरा, सन् २००७
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छोटी बुद्धमूर्ति, सन् २००८
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सन् २०१२
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Untersuchung von Zustand und Stabilität der Felsnischen der Buddha-Statuen von Bamiyan" (जर्मन में). म्यूनिख का सैन्य विश्वविद्यालय. मूल से 19 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २४ नवम्बर २०१७.
- ↑ बार्बरा क्रोसेट (१९ मार्च २००१). "Taliban Explains Buddha Demolition". दि न्यू यॉर्क टाइम्स. मूल से 13 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ नवम्बर २०१७.
- ↑ अ आ K. Warikoo (२००४). Bamiyan: Challenge to World Heritage. Pentagon Press. पपृ॰ १११. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788186505663. मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 नवंबर 2017.
- ↑ Micheline Centlivres-Demont (२०१५). Afghanistan: Identity, Society and Politics Since 1980. I.B.Tauris. पपृ॰ १४३. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781784530815. मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 नवंबर 2017.