प्रदिश विश्लेषण
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आतानक विश्लेषण (टेंसर ऐनालिसिस) का मुख्य उद्देश्य ऐसे नियमों की रचना और अध्ययन है, जो साधारणतया सहचर (कोवैरिऐंट) रहते हैं, अर्थात् यदि हम नियामकों की एक संहति से दूसरी में जाएं तो ए नियम ज्यों के त्यों बने रहते हैं। इसीलिए अवकल ज्यामिति के लिए यह विषय महत्वपूर्ण है।
इस विषय के पुराने विचारकों में गाउस, रीमान और क्रिस्टॉफ़ेल के नाम उल्लेखनीय हैं। किंतु इस विषय को व्यवस्थित रूप रिची और लेवी चिविता ने दिया। इन्होंने इस विषय का नाम बदलकर निरपेक्ष चलन कलन (ऐब्सोल्यूट डिफ़रेशियल कैल्कुलस) कर दिया। इस विषय का प्रयोग अनुप्रयक्त गणित की बहुत सी शाखाओं में होता है। जैसे 3 डी वेक्टर मे और ज्यामिति मे होता है।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Introduction to Vectors and Tensors, Vol 1: Linear and Multilinear Algebra by Ray M. Bowen and C. C. Wang.
- Introduction to Vectors and Tensors, Vol 2: Vector and Tensor Analysis by Ray M. Bowen and C. C. Wang.
- An Introduction to Tensors for Students of Physics and Engineering, released by NASA
- A discussion of the various approaches to teaching tensors, and recommendations of textbooks
- A Quick Introduction to Tensor Analysis by R. A. Sharipov.
- Introduction to Tensors by Joakim Strandberg.
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