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पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट

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पतंजलि योगपीठ का मुख्य द्वार
पतंजलि योगपीठ का मुख्य भवन

पतंजलि योगपीठ भारत का सबसे बड़ा योग शिक्षा संस्थान है। इसकी स्थापना स्वामी रामदेव द्वारा योग का अधिकाधिक प्रचार करने एवं इसे सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से की गयी थी। यह हरिद्वार में स्थित है। आचार्य बालकृष्ण इसके महासचिव हैं।[1][2]

मुख्य कार्य

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दिव्य योग साधना

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हिन्दी, अंग्रेजी सहित देश की प्रमुख भाषाओं में योग, आयुर्वेद, संस्कृति, संस्कार व भजनों पर आधारित ऑडियो-वीडियो सामग्री जैसी डी.वी.डी., वी.सी.डी., एम.पी.53 तथा कैसटों के निर्माण व वितरण आदि का प्रबन्ध दिव्य योग साधना द्वारा गाये गये भजनों सहित उनके योग व आयुर्वेद आधारित विषयों पर सौ से भी अधिक डी.वी.डी., वी.सी.डी. व ऑडियो कैसेट का निर्माणादि का प्रबन्धन दिव्य योग साधना द्वारा किया जा चुका है, जिसमें स्वामी जी महाराज द्वारा विभिन्न रोगों के लिये बताये जाने वाले योग-उपचार तथा उनके भजनों पर आधारित भक्ति गीतांजलि व राष्ट्र वंदना की सी.डी. प्रमुख है।

योग संदेश

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योग, आयुर्वेद, संस्कृति, संस्कार व अध्यात्म की संवाहक योग संदेश मासिक पत्रिका का प्रकाशन हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बंगाली, ओडिया, असमी, नेपाली, कन्नड, तेलगु भाषाओं में किया जाता है। देश-विदेश में प्रतिमाह योग संदेश पत्रिका के दस लाख से भी अधिक पाठक है।

दिव्य फार्मेसी

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ऋषियों के प्राचीन ज्ञान एवं अत्याधुनिक वैज्ञानिक पद्धति के समन्वय से उच्च गुणवत्तायुक्त आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण हेतु विशालकाय दिव्य फार्मेसी की स्थापना की गयी है। यह इकाई आयएसओ 9001:2000, आयएसओ 9001:14001:18001, डब्ल्यूएचओ, जीएमची, जीपीपी, जीएलपी प्रमाणित देश की विशालतम आयुर्वेद औषध निर्माण इकाइयों में एक है।

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड

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पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित अत्याधुनिक संयन्त्रो से युक्त औद्योगिक इकाई है। इस औद्योगिक इकाई को शुद्ध, गुणवत्तायुक्त एवं वैज्ञानिक रूप से विकसित खनिज एवं वनस्पतिक उत्पादों के निर्माण हेतु स्थापित किया गया है। आयुर्वेद को विज्ञान सम्मत रूप से स्थापित करने के उद्देश्यों के साथ अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और प्राचीन ज्ञान के समन्वय से पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज की प्रेरणा से पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना वर्ष 2006 में की। उक्त इकाई को अत्याधुनिक सेवाओं एवं संसाधनों हेतु आयएसओ 9001, आयएसओ 1800, डब्ल्यूएचओ, जीएमपी, जीएलपी आदी प्रमाण पत्र प्राप्त हैं।

पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क लिमिटेड

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भारत में योग क्रान्ति के बाद कृषि क्रान्ति के उद्देश्य से हरिद्वार जिले के पदार्था ग्राम में भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सहयोग से योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज की प्रेरणा से व आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के निर्देशन में विश्व के सबसे बड़े फूड एवं हर्बल पार्क का निर्माण कराया गया है। 500 करोड़ रुपए की लागत वाली इस इकाई के लिए कच्‍चा माल पतंजलि की जैविक खेती विधि से ही प्राप्‍त होता है, इसके अलावा बाबा रामदेव ने इसके लिए कुछ गांवों में किसानों को जैविक तरीके से खेती करने की प्रणाली सिखाने का कार्य किया है। 15000 से अधिक लोग प्रत्‍यक्ष-अप्रत्‍यक्ष तौर पर इस उत्‍पादन इकाई से रोजगार प्राप्‍त कर रहे हैं।

गुरुकुल का संचालन

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किशनगढ घासेडा में आधुनिक एवं प्राच्य विषय की शिक्षा के साथ विशाल गुरुकुल का संचालन, जहाँ देश-विदेश के छात्रों का गुरुकुलीय वातावरण में सर्वांगीण विकास हो रहा है।

पतंजलि विश्वविद्यालय

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पतंजलि विश्व विद्यालय के दो कैंपस हैं- जिनके नाम हैं पतंजलि योगपीठ-I और पतंजलि योगपीठ-II [3][4]

सामाजिक उत्तरदायित्व बाबा जी मैं आपके योग पीठ मैं अपना सहयोग करना चाहता हूं

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पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, स्वामी रामदेव द्वारा शुरू किया एक गैर-लाभकारी संगठन है। जिसका मुख्य लक्ष्य स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।[5] [6]

असम में पतंजलि का पंचगव्य अनुसंधान केंद्र

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पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट जल्द ही असम के चिरांग जिले में पतंजलि पंचगव्य अनुसंधान केंद्र बनाने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में स्वामी रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसका उद्घाटन किया।[7] इस अनुसंधान केंद्र विलुप्त हो रहीं स्वदेशी गायों और विषमुक्त कृषि उत्पादन के क्षेत्र रिसर्च किया जाएगा। स्वदेशी नस्ल की गायों और उनके दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र पर गहन अनुसंधान किया जाएगा। [8]

सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 नवंबर 2015.
  2. [1] Archived 2016-07-22 at the वेबैक मशीन%20Indo%20American%20News,
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 नवंबर 2015.
  4. "Patanjali Yogpeeth Haridwar". Haridwar City. मूल से 9 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 July 2015.
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2016.
  6. "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2016.
  7. "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 दिसंबर 2015.
  8. http://www.jagran.com/uttarakhand/haridwar-13372928.html

बाहरी कड़ियाँ

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