निर्भया वाहिनी
Founded | 2014 |
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प्रकार | गैर लाभकारी संगठन |
निर्भया वाहिनी एक स्वयंसेवी इकाई है। जो महिला सम्मान के लिए एक राष्ट्रीय अभियान हें। इसकी स्थापना जनवरी 2014 में हुई तथा यह जनमत जुटाने में मदद करने और आंदोलन के मांग के चार सूत्री घोषणापत्र के कार्यान्वयन के लिए एक निरंतर अभियान शुरू करने के लिए की गई थी।[1][2]
ऑनर फॉर विमेन नेशनल कैंपेन (एचडब्ल्यूएनसी) ने सात अन्य राज्यों के साथ ओडिशा में एक निर्भया वाहिनी शुरू करने का फैसला किया है। एचडब्ल्यूएनसी की राष्ट्रीय संयोजक मानसी प्रधान ने दिल्ली में बताया कि निर्भया वाहिनी महिलाओं के खिलाफ हिंसा से लड़ने में अहम भूमिका निभाएगी। इसके कार्य में राज्य सरकारों पर अपनी मांगों के चार सूत्री घोषणापत्र को तुरंत लागू करने का दबाव डालना शामिल होगा।[1]
इन आठ राज्यों के साथ, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर और हैदराबाद जैसे मेट्रो शहरों में भी आंदोलन शुरू किया जाएगा। निर्भया वाहिनी के आधिकारिक प्रतीक चिन्ह का पहली बार 24 दिसंबर को आई आई टी मुंबई में अनावरण किया गया, जो कि निर्भया पखवाड़े के हिस्से के रूप में 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक दिल्ली में निर्भया कांड की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आंदोलन द्वारा मनाया गया। [1]
संयोजन
[संपादित करें]निर्भया वाहिनी भारत के सभी राज्यों से आए हजारों स्वयंसेवकों से बनी है। इन स्वयंसेवकों में कामकाजी महिलाओं, गृहिणियों से लेकर विभन्न स्तर के छात्र तक शामिल हैं। [3][1]
मांग का चार सूत्री घोषणापत्र
[संपादित करें]1. शराब के धंधे पर पूरी तरह से लगाम
2. शैक्षिक पाठ्यक्रम के भाग के रूप में महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण
3. हर जिले में महिला सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल
4. हर जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट और विशेष जांच और अभियोजन शाखा[4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ ई "Nirbhaya Vahini to fight violence against women in Odisha". Dailypioneer.com. अभिगमन तिथि 7 March 2019.
- ↑ "Archived copy". मूल से 2016-08-18 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-07-02.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
- ↑ "Key Three Strategies to Curb Violence Against Women". Dailypioneer.com. अभिगमन तिथि 7 March 2019.
- ↑ "Three-pronged Strategy to Curb Crime Against Women". The New Indian Express. अभिगमन तिथि 7 March 2019.