नाइजर-कांगो भाषा परिवार
दिखावट
नाइजर-कोन्गो | |
---|---|
नाइजर–कोरदोफ़ानियाई (पुराना नाम) | |
भौगोलिक विस्तार: |
उप-सहारा अफ़्रीका |
भाषा श्रेणीकरण: | विश्व का एक प्रमुख भाषा-परिवार |
उपश्रेणियाँ: |
मान्डे (विवादित)
कटला (कोरदोफ़ानियाई)
रशद (कोरदोफ़ानियाई)
|
आइसो ६३९-२ व ६३९-५: | nic |
नाइजर-कोन्गो भाषाओं का विस्तार (पीला रंग)। यह B (बांटू भाषाएँ) और A (अन्य) में विभाजित है |
नाइजर-कांगो भाषा समूह अफ़्रीका के उप-सहारा क्षेत्र में बोले जाने वाली भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। यह विश्व के प्रमुख भाषा-परिवारों में से एक गिना जाता है और अफ़्रीका में मातृभाषियों की संख्या, भाषाओं की संख्या और विस्तार क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा है। मातृभाषियों के आधार पर इसकी सबसे विस्तृत भाषाएँ योरुबा, इग्बो, फ़ूला, शोना और ज़ूलू हैं। कुल बोलने वालों के अनुसार स्वाहिली बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है क्योंकि बहुत सी अन्य बोलियों के मातृभाषी इसे अपनी दूसरी भाषा के तौर पर प्रयोग करते हैं।