दयाल सिंह कॉलेज ट्रस्ट सोसाइटी

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सृजन[संपादित करें]

दयाल सिंह कॉलेज ट्रस्ट सोसाइटी का सृजन जून १८९५ में सरदार दयाल सिंह मजीठिया की वसीयत के द्वारा हुआ।  सरदार दयाल सिंह मजीठिया जी की वसीहत के खंड ७ के अनुसार दयाल सिंह कॉलेज ट्रस्ट सोसाइटी ने लाहौर में महाविद्यालय की स्थापना की. तत्पश्चात करनाल एवं दिल्ली में भी महाविद्यालय स्थापित किये गए। लाहौर में एक संस्थान से आरम्भ हो कर यह अब एक बहुअयामी एवं बहुसंस्थानिक श्रंखला बन चुकी है।

उद्देश्य[संपादित करें]

  • सामान्यतः बालवाड़ी से उच्च शिक्षा तक के शैक्षिक संस्थान स्थापित करना
  • एक ऐसा दृष्टिकोण पैदा करना जो की पूर्व और पश्चिम के ज्ञान का एक मिश्रण हो
  • स्वयं-सहायता, त्याग और सेवा की भावना वाले नागरिकों को तैयार करने के लिए मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना
  • धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक आदर्शों पर जोर देकर सह अस्तित्व की भावना को आत्मसात करना

न्यासियों की प्रथम समिति[संपादित करें]

न्यासियों की प्रथम समिति का गठन स्वयं सरदार दयाल सिंह मजीठिया द्वारा ही किया गया था. उन्होंने अपने वसीयतनामे के अनुच्छेद ९ में निम्नलिखित नाम दिए थे:

1.     बाबु जोगेंद्र चन्द्र बोस, एम. ए., बी. एल., वकील, मुख्या न्यायालय, लाहौर

2.     बाबु ससी भूषण मुख़र्जी, एम. ए., बी. एल., प्रोफेसर, सरकारी महाविद्यालय, लाहौर

3.     दीवान नरिंद्र नाथ, एम. ए., जिला मजिस्ट्रेट, मोंटगोमरी

4.     श्री. चार्ल्स गोलक नाथ, बी. ए., एल. एल. बी., बैरिस्टर-एट-ला, लाहौर  

5.     श्री. हरकिशन लाल, बी. ए., बैरिस्टर-एट-ला, लाहौर  

6.     लाला रूचि राम, एम. ए., सहायक प्रोफेसर, सरकारी महाविद्यालय, लाहौर

7.     श्री. गोलक नाथ चटर्जी, बी. ए., सहायक प्रोफेसर, सरकारी महाविद्यालय, लाहौर

8.     लाला सुन्दर दास सूरी, एम. ए., सहायक अधीक्षक, प्रशिक्षण महाविद्यालय, लाहौर

9.     बाबु अबिनास चन्द्र मजुमदार, उत्तर-पश्चिमी रेलवे कार्यालय, लाहौर 

ये सभी न्यासी बड़ी जिम्मेदारी और भक्ति के साथ महान अखंडता और उच्च क्षमता के दिग्गज थे। वे महान सरदार दयाल सिंह मजीठिया के मित्र और शुभचिंतक थे, जिन पर वे भरोसा कर सकते थे। उन्होंने अपने कर्तव्य पर नि: स्वार्थ और कुशलता से काम किया। ये उनकी मेहनत और ईमानदारी ही थी के महाविद्यालय इस तरह की प्रगति कर सका और लाहौर (पंजाब) के सबसे महान शैक्षिक संस्थानों में से एक बन गया। दिवंगत न्यासियों की जगह ट्रस्ट सोसाइटी में शामिल कई अन्य न्यासियों में दीवान आनंद कुमार, डॉ. शांति स्वरूप भटनागर, डॉ. गोपी चंद भार्गव, डॉ. अमीर चंद, लाला ब्रिश भान और श्री बी.के. नेहरू प्रमुख हैं।

न्यासियों की वर्तमान समिति[1][संपादित करें]

1.     दीवान गजेन्द्र कुमार, एम. ए., बी. एस. सी. (इंज.) (लंदन) डी. एल. सी. (होन्स.)

2.    श्री. आर. सी. शर्मा, आई. पी. एस. (सेवामुक्त), भूतपूर्व निदेशक, सी. बी. आई.

3.    श्री.  सी. के. साव्हने, आई. पी. एस. (सेवामुक्त), भूतपूर्व डी. जी. पी., पंजाब

4.    श्री. अशोक भान, न्यायाधीश (सेवामुक्त), सर्वोच्च न्यायलय, भारत

5.    श्री. डी. के. रैना, भूतपूर्व कॉर्पोरेट प्रबंधक, बी. ओ. सी. (भारत) लि., नयी दिल्ली

6.    श्री. अरविन्द कॉल, आई. ए. एस. (सेवामुक्त), भूतपूर्व अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग

7.    श्री. एस. के. मिश्रा., न्यायाधीश (सेवामुक्त), उच्च न्यायलय, दिल्ली

8.    श्री. सतीश सोनी, वाइस एडमिरल (सेवामुक्त), पी. वी. एस. एम, ए. वी. एस. एम., एन, एम., ए. डी. सी., भारतीय नौसेना

9.    श्री. पी. सी. शर्मा, आई. पी. एस. (सेवामुक्त), भूतपूर्व निदेशक, सी. बी. आई.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

दयाल सिंह कॉलेज, करनाल

  1. dsckarnal.org