तेजपुर गांव, घाटमपुर (कानपुर नगर)
तेजपुर (Tejpur) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर नगर ज़िले में स्थित तहसील घाटमपुर में स्थित एक गांव है।
Locality Name : Tejpur ( तेजपुर )
Block Name : Patara District : Kanpur Nagar State : Uttar Pradesh Division : Kanpur Language : Hindi and Urdu Time zone: IST (UTC+5:30) Elevation / Altitude: 127 meters. Telephone Code / Std Code: 05115 Assembly constituency : Ghatampur assembly constituency Assembly MLA : Upendranath paswan Lok Sabha constituency : Akbarpur parliamentary constituency Parliament MP : Devendra Singh 'Bhole' Serpanch Name : Archana Dixit
Post Office Name : Patara (Kanpur Dehat) |
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Population[संपादित करें]
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इतिहास
[संपादित करें]तेजपुर ग्राम घाटमपुर से 10 किलोमीटर दूर घाटमपुर-गजनेर मार्ग पर स्थित है। यह रंजीतपुर और नंदना ग्राम के मध्य स्थित है।
धर्म
[संपादित करें]तेजपुर ग्राम हिंदू बाहुल्य ग्राम है, जहां यादव, ब्राम्हण, व अनुसूचित जातियां निवास करती हैं। मां तेजेस्वरी इस गांव की कुलदेवी हैं। गांव में साल में एक बार भुईंया रानी का मेला आयोजित होता है, एवं एक बार रामलीला का सफल आयोजन पिछले कई सालों से हो रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्टर
[संपादित करें]तेजपुर के लिए घाटमपुर गजनेर मार्ग पर प्राइवेट बस सेवा उपलब्ध है। तेजपुर पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन घाटमपुर है। तेजपुर गांव में एक जमुना देवी प्राथमिक व जूनियर विद्यालय है। तेजपुर कुवंरपुर मार्ग में एक स्टेडियम है, इसके अलावा तेजपुर नंदना मार्ग में पुरुषोत्तम श्रीराम ला कालेज व डिग्री कालेज भी उपलब्ध है। निकटतम पुलिस चौकी ग्राम नंदना में स्थित है।
परिजात वृक्ष
[संपादित करें]तेजपुर- नंदना मार्ग में स्थित 250 साल पुराना वृक्ष चर्चा का विषय बना हुआ है। आज तक कोई भी इस वृक्ष के फूलों को नहीं देख सका है। इससे ग्रामीणों की आस्था जुड़ी हुई है। उनका कहना है कि यहां मांगी हर मुराद पूरी होती है। रामनगर के किन्टूर गाँव और घाटमपुर के तेजपुर गाँव को छोड़कर ऐसा कोई दूसरा पेड़ नजर नहीं आया है।कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह वृक्ष सेमल प्रजाति से मिलता-जुलता है।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि है कि मंदिर के निर्माण के समय यहां पेड़-पौधे लगवाए गए थे। तभी कल्प का पौधा भी लगवाया गया होगा।
- यह वृक्ष करीब 250 साल पुराना है।
- इसे 'कल्पवृक्ष', 'परजातवृक्ष' और 'पेड़वा बाबा' के नाम से पुकारा जाता है।
- इसके स्पर्श से ही लोगों की थकान दूर हो जाती है।
- प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी सूरज प्रसाद बताते हैं कि ये वृक्ष समुंद्र मंथन में निकला था।
सिक्का डालने पर आती है 'राम' की ध्वनि
- यहां रहने वाले बाबा गंगा प्रसाद ने बताया कि वृक्ष में एक सुराख था, जिसमें एक सिक्का डालने के बाद फेरे लिए जाते थे।
- इसके बाद कान लगाकर सुनने पर अंदर से 'राम-राम' की ध्वनि सुनाई देती थी।
- इस तरह के सिर्फ दो वृक्ष ही हैं, एक हमीरपुर और दूसरा नंदना गांव में है।
वृक्ष की और भी हैं खासियत
- जिस तरह से बेलपत्र के पेड़ में एक साथ तीन पत्तियां जुड़ी होती हैं, उसी तरह इसमें एक साथ 5 पत्तियां जुड़ी हैं।
- इसकी खुशबू से पूरा बगीचा महक उठता है, लेकिन फूल को देख पाना असंभव है।