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अष्टमठ

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उडुपी का श्रीकृष्ण मठ
श्रीकृष्ण मठ का रथ

अष्टमठ (आठ मठ) से आशय भारत के कर्णाटक राज्य के उडुपी नगर में स्थित आठ मठों से है। मध्वाचार्य ने इन आठ मठों की संस्थापना की थी।

ये आठ मठ निम्नलिखित हैं-

  • पलिमारु मठ
  • अदमारु मठ
  • कृष्णापुर मठ
  • पुत्तिगे मठ
  • शिरूरु मठ
  • सोदे मठ
  • काणेयूरु मठ
  • पेजावर मठ

मध्वाचार्य ने समुद्र में मिली कृष्ण की संस्थापना उडुपी में की। उसके बाद उसकी पूजा के लिये आठ मठों की संस्थापना भी की। उन आठ मठों के पीठाधिति भी बनाये। दो वर्ष में एक वार प्रत्येक मठ को कृष्ण की पूजा का अवसर प्राप्त होता है। इन मठों के नाम उन गाँवों के नाम पर हैं जिनमें मूलतः ये मठ स्थापित किये गये थे। सम्प्रति ये मठ उडुपी नगर में हैं।

पर्याय[संपादित करें]

आरम्भ में आठों मठों के पीठाधिपति कृष्णमठ में ही मिलकर परस्पर चर्चा करके धार्मिक कार्यों का निर्वहन करते थे। प्रत्येक मठ दो मास में एक बार कृष्ण की पूजा का दायित्व निर्वाह करता था। मध्वाचार्य के समय में आरम्भ यह पर्याय पद्धति वादिराजाचार्य के समय तक वैसे ही चलती रही। वादिराजाचार्य ने पर्याय की अवधि दो मास से दो वर्ष कर दी। ऐसा करने का लाभ यह हुआ कि मठों के स्वामियों को दीर्घ प्रवास वा दीर्घ तीर्थयात्रा करने का अवसर प्राप्त होने लगा। तदनन्तर वादिराजाचार्य ने उडुपी नगर की रथवीथी में आठ मठों का निर्माण कराया। उसके बाद से पर्याय का आरम्भ कार्यक्रम अति वैभव पूर्वक होने लगा।

सन्दर्भ[संपादित करें]