सदस्य:Jadeja rajendra ding g

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खाखडाबेला आजी नदी के किनारे अनेक रहस्य को दबाके बैठा एक सदियों पुराना गांव ये नदी गंगा नदी की तरह यहां के लोगो के लिये पावन है ये गांव का नाम खाखी की कृपा से मिलने के कारण खखडाबेला रखा गया है ये गांव पुराने वीर हनुमान की जगह खाखीजलिया के मंदिर के गादीपति गुरु नारायणदास महाराज की कृपा से मिला है पुराने गांव में चौराहे पे मा दीपामा का 700 साल पुराना मंदिर है ये गांव जाडेजा वंश के लाखाजी जाडेजा वंश के लोगो का गांव है जो खिलोश लाखनी के है गांव में राजपूत क्षत्रिय मुख्य जाती है साथ मे पटेल कोली दलित सब रहते है ये आजी नदी हजारो लाखो लोगो की गवाह रही है यहां कई जातियां आई और चली गई कहते है ये आजी नदी बारा महिने बहती थी यही नदी में हजारों लोग बस्ते थे इसी नदी में सब्जियों और तरबूजे होते थे इतने बड़े और मीठे होते थे कि मुंबई की बाजार में भी लोग आजी के नाम से बेचते थे कहते है इसी नदी के किनारे पुरानी कंकावटी नगरी थी जो कोई भूकंप या लुटेरों ने धवस्त कर दी होगी आज भी खुदाई के दौरान कई पुरानी चीजे मिलती है वो सब तो अब समय के साथ बह गया है अब है तो नये गांव