२००८ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत
भारत ऑलंपिक खेलों में | ||||||||||||
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बीजिंग | ||||||||||||
खिलाड़ी | ५७ in १२ sports | |||||||||||
ध्वज धारक | राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (उद्घाटन) विजेन्दर सिंह[1] (समापन) |
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पदक स्तरा: ५० |
स्वर्ण 1 |
रजत 0 |
कांस्य 2 |
कुल 3 |
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ऑलंपिक इतिहास | ||||||||||||
• ग्रीष्मकालीन खेल | ||||||||||||
१८९६ • १९०० • १९०४ • १९०८ • १९१२ • १९२० • १९२४ • १९२८ • १९३२ • १९३६ • १९४८ • १९५२ • १९५६ • १९६० • १९६४ • १९६८ • १९७२ • १९७६ • १९८० • १९८४ • १९८८ • १९९२ • १९९६ • २००० • २००४ • २००८ • २०१२ • २०१६ • २०२४ | ||||||||||||
शीतकालीन खेल | ||||||||||||
भारत ने चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित हुए 2008 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भाग लिया था। भारत का प्रतिनिधित्व भारतीय ओलंपिक संघ ने किया था। 57 एथलीटों के दल ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और उनके साथ 42 अधिकारियों का समर्थन स्टाफ था। एथलेटिक्स दल 17 प्रतिभागीयो के साथ सबसे बड़ा था। 1928 से लेकर अब तक पहली बार भारतीय हॉकी टीम ओलिंपिक खेलों मे अर्हता प्राप्त करने में विफल रही थी।[2]
2006 राष्ट्रमंडल खेलो में डोपिंग कांड के पश्चात अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ के द्वारा लगाए गए 2 वर्ष के प्रतिबंध के परिणामस्वरूप केवल एक ही ओलंपिक भारोत्तोलक मोनिका देवी इन खेलो में भाग लेने में सक्षम थी परन्तु वह भी डोप परीक्षण में विफल रहीं और उनका नाम भी प्रतिभागीयो की सूची से वापस ले लिया था। हालांकि 9 अगस्त को घोषित किया गया कि मोनिका का टेस्ट नकारात्मक था और वह भाग लेने के लिए सक्षम थी, परन्तु जिस प्रतियोगिता में मोनिका को भाग लेना था वो इस निर्णय के आने से पहले ही समाप्त हो चुकी थी।
11 अगस्त 2008 को अभिनव बिंद्रा ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल निशानेबाज़ी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। ऐसा करने वाले अभिनव पहले भारतीय थे, जिन्होने किसी भी ओलंपिक की व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण जीता हो, यह बीजिंग खेलो में भारत का प्रथम पदक भी था। इससे पिछली भारत के लिए सर्वोच्च व्यक्तिगत उपलब्धि भारत में जन्मे ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व करने वाले अंग्रेज नॉर्मन प्रिचार्ड की थी जिन्होने 1900 पेरिस ओलंपिक में दो रजत पदक जीते थे। सुशील कुमार ने पुरुषो की 66 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य जीत कर भारत के लिए दूसरा पदक जीता, इससे पहले खाशाबा दादासाहेब जाधव ने 1952 हेलसिंकी ओलम्पिक खेलो में कुश्ती में कांस्य जीता था। विजेंदर कुमार ने सेमीफाइनल में विफलता के पश्चात मंझला-भार मुक्केबाज़ी वर्ग में कांस्य पदक जीता। यह किसी भी भारतीय द्वारा मुक्केबाज़ी में जीता गया पहला ओलंपिक पदक था।
2008 बीजिंग ओलंपिक पदको की संख्या के मामले में किसी भी भारतीय दल द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। भारतीय दल ने कुल 3 पदक (एक स्वर्ण और दो कांस्य) जीते तथा नॉर्मन प्रिचार्ड के 1900 पेरिस ओलंपिक में जीते गए दो रजत व भारतीय हॉकी टीम और खाशाबा दादासाहेब जाधव के 1952 हेलसिंकी ओलम्पिक खेलो में जीते गए क्रमशः स्वर्ण और कांस्य के प्रदर्शनो को पीछे छोड़ दिया।
पदक धारक
[संपादित करें]पदक | नाम | स्पर्धा | ईवेन्ट | दिनांक |
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स्वर्ण | अभिनव बिन्द्रा | निशानेबाजी | पुरुष १० मी हवाई राइफ़ल | अग. ११ |
कांस्य | विजेन्द्र सिंह | मुक्केबाजी | माध्यमिक भार ७५ किग्रा | अग.२० |
कांस्य | सुशील कुमार | कुश्ती | पुरुष फ़्रीस्टाइल ६६ किग्रा | अग.२१ |
भारतीय प्रतिभागी
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Indias Flag Bearer for the closing ceremony". मूल से 3 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अगस्त 2012.
- ↑ "India names 57-member squad for Beijing Olympics" (अंग्रेज़ी में). ibnlive.in.com. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया. 12 अगस्त 2008. मूल से 26 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अगस्त 2011.