हजरा बेगम

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हजरा बेगम (जन्म:1910,मृत्यु:20 जनवरी 2003) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थीं, 1954 से 1962 तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और भारतीय महिला राष्ट्रीय संघ की महासचिव रही।

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

हजरा का जन्म 1910 में एक धनी परिवार में हुआ था, वह रामपुर, उत्तर प्रदेश में पली बड़ी। उनके पिता मेरठ में मजिस्ट्रेट थे। हजरा बेगम की शादी ज़.ए. अहमद से हुई थी, लेकिन जल्द ही उनका तलाक हो गया और वो अपने नवजात बच्चें के साथ अपने पिता के घर लौट आई, इस दौरान वह मेरठ षडयंत्र केस, भारतीय कम्युनिस्ट नेतृत्व के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया से प्रेरित हुईं।

राजनीतिक जीवन[संपादित करें]

हजरा बेगम 1933 में अपने बेटे के साथ मोंटेसरी की शिक्षा लेने ब्रिटेन गई, ब्रिटेन में अपनी पढाई के दौरान, वह ब्रिटेन की कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने वाली पहली भारतीयो में से एक थी। वह इंडियन मार्क्सवादी समूह से भी जुड़ी थी। हजरा बेगम ने 1935 सोवियत संघ का भी दौरा किया। और फिर 1935 में ही हजरा के.एम. अशरफ के साथ भारत लौट आई। उसके बाद वो भारत में इलाहाबाद में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी में सक्रिय हो गई जहां हजरा ने रेलवे कुलियो, प्रेस कार्यकर्ताओ, और को एकजुट किया। वह इलाहाबाद सी एस पी के युवा नेताओं के एक कोर समूह की भी सदस्य थी। साथ ही ज़.ए. अहमद, के.एम. अशरफ, और राममनोहर लोहिया, जिनमे से लोहिया को छोड़कर सभी भाकपा के भी सदस्य थे।

हजरा 1940 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की आयोजक सचिव बनी, और उन्होनें लगातार सप्ताहिक कौमी जंग में भी योगदान दिया था। 1949 में वाह पांच महीने तक लखनऊ के जेल में भी रही थी।

1952 में हजरा ने विएना विश्व शांति सम्मेलन भी हिस्सा लिया था।

मृत्यु[संपादित करें]

लम्बी बीमरी के कारण 20 जनवरी 2003 में हजरा बेगम का निधन हो गया।