स्‍टेट ट्रेडिंग कार्पोरेशन ऑफ इण्‍डि‍या

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स्‍टेट ट्रेडिंग कार्पोरेशन ऑफ इण्‍डि‍या लि‍॰ (एसटीसी) भारत सरकार की एक प्रमुख अन्‍तरराष्‍ट्रीय व्‍यापार कंपनी है जो निर्यात, आयात और स्‍वदेशी व्‍यापार करती है। इसकी स्‍थापना 1956 में मूलतः पूर्वी यूरोपीय देशों के साथ व्‍यापार करने और देश से निर्यात वि‍कसि‍त करने में नि‍जी व्‍यापार और उद्योग के प्रयत्‍नों के पूरक के रूप में हुई। यह कार्पोरेशन, कंपनी अधि‍नि‍यम, 1956 के अधीन एक स्‍वायत्‍त कंपनी के रूप में पंजीकृत है तथा भारत सरकार के वाणि‍ज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनि‍क नि‍यंत्रण में कार्य कर रहा है।

भूमिका[संपादित करें]

कार्पोरेशन ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में मुख्‍य भूमि‍का अदा की है। उदारीकरण से पूर्व समय में, इसने न केवल वि‍देश व्‍यापार को नि‍यमि‍त करने में भारत सरकार के एक स्‍तंभ के रूप में बल्‍कि‍ एक घरेलू बाजार में हस्‍तक्षेप का कार्य भी कि‍या है। कार्पोरेशन ने रसायन और औषधि‍यों से बदलकर बल्‍क वस्‍तुओं जैसे-खाद्य तेल, सीमेंट, चीनी, अखबारी कागज, गेहूँ, यूरि‍या आदि‍ की समय पर उपलब्‍धता और जन उपभोग मदों के उचि‍त वि‍तरण तथा उद्योग के लि‍ए आवश्‍यक कच्‍चे माल को सुनि‍श्‍चि‍त करते हुए बडी़ संख्‍या में मदों का सरणीबद्ध नि‍र्यात और आयात कि‍या है। सरणीकरण से राष्‍ट्र को कि‍फायत से लाभ उठाने और दुर्लभ वि‍देशी मुद्रा पर कडी़ नजर रखने में भी मदद मि‍ली है।

इसने कृषकों से उनकी फसलों, जैसे-कच्‍चा पटसन, चपडा़, तम्‍बाकू, रबड़ और वनीला के भारत सरकार द्वारा जैसे और जहॉं कहने पर, के पारि‍श्रमि‍क मूल्‍य सुनि‍श्‍चि‍त करने के लि‍ए मूल्‍य समर्थन कार्यों का भी वचन दि‍या है।

अपने निर्यात वि‍कास प्रयत्‍न के भाग के रूप में एसटीसी ने नि‍र्यातकों को नि‍र्यात उत्‍पादन हेतु संयंत्र और कच्‍चे माल का आयात करके, डि‍जाइन केन्‍द्रों की स्‍थापना करके, जॉंच प्रयोगशालाऍं प्रदान करके लघु नि‍र्माताओं के उत्‍पादों को उनका समूह गठि‍त करके प्रदर्शनि‍यों और व्‍यापार मेलों में भागीदारी के द्वारा वि‍देशी बाजारों में ले जाकर तकनीकी वि‍पणन और वि‍त्‍तीय सहायता दी है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]