केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान
केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय | |
---|---|
केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार | |
केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार | |
अंग्रेज़ी नाम: सेंट्रल यूनिवर्सिटी फॉर टिबेटन स्टडीज़ | |
स्थापित | 1976 |
प्रकार: | सार्वजनिक |
अध्यक्ष: | एन गवांग |
कुलपति: | प्रो. वांगचुक दोरजी नेगी |
अवस्थिति: | सारनाथ (वाराणसी), उत्तर प्रदेश, भारत |
परिसर: | शहरी |
जालपृष्ठ: | www.cihts.ac.in |
केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय (तिब्बती: ཝ་ཎ་མཐོ་སློབ, Wylie: वा ना म्थो स्लोब / Central University for Tibetan Studies (CUTS)) भारत का स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालय है। यह उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट सारनाथ में स्थित है। यह पूरे भारत में अपने ढंग का एकमेव विश्वविद्यालय है।
स्थापना[संपादित करें]
इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1967 में हुई थी। उस समय इसका नाम 'केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान' (Central Institute of Higher Tibetan Studies) था। बिखरे हुए तथा भारत के हिमालयीय सीमा प्रदेशों मे रहनेवाले तथा धर्म, संस्कृति, भाषा आदि के संबंध में तिब्बत से जुड़े युवाओं को शिक्षित करने के उद्देश्य से ऐसे विश्वविद्यालय की परिकल्पना सर्वप्रथम जवाहरलाल नेहरू और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के बीच हुए एक संवाद से साकार हुई।
‘केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान’ नाम से संबोधित यह संस्थान शुरू में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की शाखा के रूप में कार्य करता था और बाद में 1977 में वह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वशासित संगठन के रूप में उभरा।