सूक्ष्म शिक्षण

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सूक्ष्म शिक्षण (microteaching) पूर्व-सेवाकालीन या सेवारत शिक्षकों को प्रशिक्षित कर उनमें शिक्षण-कौशल विकसित करने की एक तकनीक है। यह पूरी तरह से प्रशिक्षण का एक संप्रत्यय है।

इसमें प्रशिक्षु शिक्षक के शिक्षण कार्य करते हुए एक वीडियो बनायी जाती है और अध्यापन के बाद उसका निरीक्षण किया जाता है, जिससे शिक्षक को उसके शिक्षण कार्य में हुई त्रुटियों का पता चलता है,और पृष्ठपोषण प्रदान किया जाता है। इस वीडियो टेप का सूक्ष्म विश्लेषण कर सुधार करने की प्रक्रिया का अभ्यास किया जाता है। लेकिन भारत में इस वीडियो टेप की जगह प्रशिक्षु शिक्षक, पर्यवेक्षक (मास्टर शिक्षक),और छात्रों का अभिनय करने के लिए शिक्षण सहकर्मी का स्थान होता है। ये सभी शिक्षण कार्य के बाद तात्कालिक पृष्ठपोषण करते हैं। इस प्रक्रिया में शिक्षक के प्रदर्शन का बहुत ही सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाता है, इसलिए इसे सूक्ष्म शिक्षण कहा जाता है।[1][2]

सूक्ष्म-शिक्षण की प्रकृति एवं विशेषताएँ[संपादित करें]

  • सूक्ष्म-शिक्षण में शिक्षण-कौशल, पाठ्यवस्तु तथा कक्षा अनुशासन आदि कक्षा के हर पक्ष को सरल किया जा सकता है।
  • इसमें व्यवहारों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाता है। इसीलिये वांछित परिवर्तनों तक इस प्रविधि द्वारा शीघ्र पहुँचा जा सकता है।
  • पाठ के तुरन्त बाद ही छात्राध्यापक को पृष्ठपोषण (फीडबैक) मिल जाता है।
  • इस पृष्ठपोषण के आधार पर ही छात्रों को अपना पाठ पुनर्नियोजित (Replanned) करने तथा सुधार करने का तुरन्त अवसर मिलता है।
  • इसमें शिक्षण तथा शिक्षण की परिस्थितियों पर अधिक प्रभावशाली नियन्त्रण रखा जा सकता है।
  • छात्रों के विभिन्न पाठों की तुलना करने का अवसर मिलता है, क्योंकि इसमें पुनर्नियोजित पाठ को दोहराया जाता है।
  • पाठ का निरीक्षण निरीक्षक द्वारा ही सम्भव है।
  • छात्र तथा अध्यापक अपनी कमियों को दूर करने के लिये एक कौशल का बार-बार अभ्यास कर सकते हैं।


माइक्रो टीचिंग के सोपान

1. प्रस्तावना पद या अभिविन्यास 2. विशिष्ट शिक्षण-कौशल की परिचर्चा 3. विशिष्ट-कौशल का चयन 4. संक्षिप्त पाठ योजना तैयार 5. शिक्षण-सत्र/शिक्षण 6. आदर्श पाठ प्रस्तुतीकरण 7. पाठ निरीक्षण एवं समालोचना 8. विश्लेषण व प्रतिपुष्टि/पृष्ठ-पोषण 9. पाठ का पुनर्गठन या पुनर्योजना 10. पुनः शिक्षण 11. पुनः प्रतिपुष्टि 12. शिक्षण/पुन: शिक्षण अधिक जाने ...

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "सूक्ष्म शिक्षण । Micro Teaching". मूल से 8 अक्तूबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-10-04.
  2. Vigyan Shikshan. Vani Prakashan.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]