सांझ
साँझ का अर्थ शाम है। सांझ[1] अर्थात् संध्या, संधि-काल, मिलन-काल; रात्रि के अंत और दिन के आरंभ का मिलन-काल (प्रातः ), पूर्वाह्न और अपराह्न के बीच का समय (मध्यान्ह-- दोपहर) तथा दिन के अंत और रात्रि के आरंभ का मिलन-काल (;सायंकाल)।
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उदाहरण
[संपादित करें]साँझ-सवेरे उनकी ज़बान पर तेरा ही नाम रहता है।
मूल
[संपादित करें]अन्य अर्थ
[संपादित करें]'संध्या' का शाब्दिक अर्थ है- मिलाप, मिलन, संधिकाल, मिलन-काल। प्रातः, मध्यान्ह और सायंकाल को भी संध्या कहते हैं। क्योंकि प्रातः रात्रि के अंत और दिन के आरंभ का मिलन काल है; मध्यान्ह पूर्वाहन और अपराहन के बीच का समय है और सायंकाल दिन के अंत और रात्रि के आरंभ का मिलन-काल है। इन तीनों संधि-बेला में वैदिक काल में ही आर्यों अर्थात वैदिक धर्मावलंबियों के बीच ईश्वरोपासना करने की परिपाटी चली आ रही है।
संबंधित शब्द
[संपादित करें]मिलाप, मिलन, संधिकाल, मिलन-काल, सायं, सायंकाल।
हिंदी में
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अन्य भारतीय भाषाओं में निकटतम शब्द
[संपादित करें]- ↑ "P73, Traikaalik Sandhya Vidhi aur upaasana "सांझ भये गुरु सुमिरो भाई।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।". संतवाणी अर्थ सहित. अभिगमन तिथि 2020-01-07.