सर्वतत्व दीपिका सभा

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सर्वतत्व दीपिका सभा १८३३ ई। में बंगाल में स्थापित किया गया संगठन है। भारतीय नवजागरण के दौर में स्थापित इस संगठन ने देशी भाषा संस्कृति और शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। देशी भाषा संबंधी इसकी प्रतिबद्धता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसने अपनी चर्चाएं मातृभाषा में चलाने और केवल मातृभाषा में बात करने का निर्णयकिया। [1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. के.एन. पणिक्कर- "औपनिवेशिक भारत में सांस्कृतिक और विचारधारात्मक संघर्ष" [अनुवादक- आदित्य नारायण सिंह], ग्रंथ शिल्पी-दिल्ली, २००९, ISBN : 81-7917-021-7, पृष्ठ 85