सफ़ेद मूसली

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सफ़ेद मूसली एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो प्रायः भारत के उष्ण कटिबंधीय जंगलो में पायी जाती है। आमतौर पर यह गीले इलाको या जंगलो में अपने आप उगती है, लेकिन कुछ जगह इसकी खेती भी की जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Chlorophytum Borivilianum है।

मूसली मुख्य रूप से दो तरह की होती है, सफ़ेद मूसली और काली मूसली। जिसमे सफ़ेद मुसली ज्यादा बढ़िया मानी जाती है। इसका पौधा करीब 1.5 फ़ीट लम्बा  होता है।[1]

सफ़ेद मूसली के औषधीय गुण -[संपादित करें]

  • सफ़ेद मूसली का मुख्य रूप से प्रयोग यौन क्षमता और शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।
  • सफेद मूसली का सेवन करने से पेट दर्द, पेट में गड़बड़, दस्त और पाचन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • इसका नियमित सेवन महिलाओ में स्तनों में दूध को बढ़ाने में मदद करता है।
  • यह पुरुषो और महिलाओ दोनों में मूत्र संबधी विकारो से निजात दिलाने में सहायक है।
  • सफ़ेद मूसली का प्रयोग पुरुषो में शुक्राणुओं की मात्रा बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता बढ़ने के लिए भी किया जाता है।
  • यह premature ejaculation की समस्या को दूर करने में भी लाभदायक है।
  • इसमें कई प्रकर के antioxidants और anti inflammatory गुण भी पाए जाते है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करते है।
  • इसका सेवन मानसिक अवसाद को दूर करने के साथ साथ मष्तिष्क की कार्य प्रणाली बेहतर बनाता है।

सफ़ेद मूसली के फायदे -[संपादित करें]

  • यह यौन क्षमता का विकास करने में मदद करती है।
  • यह testosterone level को बढ़ाने में सहायक है।
  • यह erectile dysfunction से भी निजात दिलाती है।
  • यह रोग प्रति रोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।
  • यह stress और anxiety को दूर करने में भी सहायक है।
  • यह मधुमेह से निजात दिलाने में सहायक है।
  • इसका सेवन वजन नियंत्रित रखने में भी मदद करता है।
  • यह गर्भावस्था में महिलाओ के लिए लाभकारी होता है।

सफ़ेद मूसली के नुकसान -[संपादित करें]

  • सफ़ेद मूसली का सेवन हमेशा निम्न मात्रा में करना चाहिए, इसे अत्यधिक मात्रा में लेने से जी मिचलाना जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • इसके अत्यधिक सेवन से भूख भी कम लगने लगती है।
  • इसका अत्यधिक सेवन वात, पित्त और कफ को असंतुलित करता है। इससे शरीर में कफ बढ़ता है और कफ से जुडी समस्याओ की संभावना भी बढ़ती है।
  • इसका उचित मात्रा में सेवन न करने से पाचन संबधी समस्या भी हो सकती है।

बाहरी कड़ियाँ -[संपादित करें]

सफ़ेद मूसली के सेवन से बनाये बेहतर सेहत। - Healthy Me Hindi Archived 2021-07-09 at the Wayback Machine

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Src='https://Secure.gravatar.com/Avatar/C28ce241acc79af9083a9c507068b194?s=256, <img Alt=; #038;d=mm; Srcset='https://Secure.gravatar.com/Avatar/C28ce241acc79af9083a9c507068b194?s=512, #038;r=g'; #038;d=mm; Mehta, #038;r=g 2x' class='avatar avatar-256 photo' height='256' width='256' />Amit. "4 ways safed musli (Chlorophyllum borivilianum) can improve your intimacy - Unived" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-11-23.